कैनविज टाइम्स /डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा हसन ने असम में हिमंत बिस्वा सरमा सरकार द्वारा होटलों और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ खाने पर बैन लगाने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने इस फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर तीखा तंज कसा और इसे स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ बताया। इकरा हसन का कहना था कि यदि भाजपा सरकार इस तरह के हस्तक्षेप को निजी जीवन में जारी रखेगी, तो देश तानाशाही की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की खूबसूरती इस बात में है कि यहां अलग-अलग संस्कृतियों और धर्मों के लोग शांति से रहते हैं। इस तरह के फैसले संविधान के खिलाफ हैं और इन्हें तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
इकरा हसन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी की नीतियां और फैसले देश की एकता और विविधता के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का काम लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है, न कि उनका जीवन जीने के तरीके पर रोक लगाना। असम सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ मानते हुए उन्होंने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
इसके बाद इकरा हसन ने संभल हिंसा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। सीएम योगी ने हाल ही में कहा था कि "सभी को याद है कि बाबर और उसकी सेना ने 500 साल पहले अयोध्या कुंभ में क्या किया, वही अब संभल और बांग्लादेश में हो रहा है।" इस बयान पर इकरा हसन ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि योगी का यह बयान नफरत फैलाने वाला है और यह किसी भी धर्म और समुदाय के प्रति संवेदनशील नहीं है।
इकरा हसन ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले करना और उनके खिलाफ बयानबाजी करना ठीक नहीं है। यह सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाता है और समाज में दरार डालता है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि वे अपनी बयानबाजी से तटस्थता बनाए रखें और समाज के सभी वर्गों के बीच भाईचारे को बढ़ावा दें।