कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बाल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को रिज मैदान शिमला में आयोजित ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट स्पोर्ट्स एंड कल्चरल मीट-2025’ का शुभारम्भ किया। यह आयोजन पुलिस विभाग और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से किया गया है, जिसमें 16 नवंबर तक प्रदेश के 29 बाल-बालिका सुखाश्रय आश्रमों के करीब 600 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल दिवस देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को समर्पित है, जिन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और समान अवसरों की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि यह खेल एवं सांस्कृतिक महोत्सव उसी भावना को आगे बढ़ाने वाली पहल है, जो बच्चों को आत्मविश्वास और अवसर देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अनाथ और बेसहारा बच्चों तथा महिलाओं के लिए कानून के तहत विशेष योजना लागू की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार 6000 अनाथ और बेसहारा बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाकर उनके माता-पिता का दायित्व 27 वर्ष तक निभाएगी। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को आगे बढ़ने का पूरा अवसर दिया जाएगा और सभी जिलों के प्रमुख स्कूलों में उनका दाखिला करवाया जाएगा। पढ़ाई का पूरा खर्च भी सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी पढ़ाओ’ केवल नारा नहीं बल्कि उनका व्यक्तिगत मिशन है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि खेल जीवन की बड़ी पाठशाला है, जहां जीत से विनम्रता और हार से दोबारा खड़े होने का साहस मिलता है। उन्होंने कहा कि ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ किसी प्रमाण-पत्र के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए खुद को साबित किया है और प्रदेश सरकार उन्हें हर सुविधा व संसाधन उपलब्ध करवाएगी, ताकि वे अपनी क्षमता से दुनिया को परिचित करा सकें। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि सरकार संस्थागत देखभाल में रहने वाले बच्चों में कला, खेल और संस्कृति के माध्यम से आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।
