कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। बिहार में एक पंचायत रोजगार सेवक द्वारा आय से 500 गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छट्टू दास नामक यह कर्मचारी मनरेगा योजना में भारी फर्जीवाड़ा कर 11 वर्षों में करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया।
सूत्रों के अनुसार, छट्टू दास की मासिक सैलरी बेहद मामूली है, लेकिन उसने जिस प्रकार की चल-अचल संपत्ति बनाई है, वह उसकी आय के बिल्कुल विपरीत है। आरोप है कि उसने मनरेगा फंड में हेराफेरी कर फर्जी भुगतान, नकली बिल और मजदूरी के नाम पर लाखों रुपये निकाले।
प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस मामले को लेकर उप विकास आयुक्त (डीडीसी) ने कहा है कि पंचायत रोजगार सेवक पर लगे आरोपों की गहन जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो संबंधित के विरुद्ध कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय सूत्रों के अनुसार छट्टू दास के पास कई प्लॉट, पक्के मकान, लग्जरी गाड़ियां और नकद रकम पाई गई है। बताया जा रहा है कि उसने गांव में ही नहीं, बल्कि शहर में भी संपत्तियों में निवेश किया है। जांच में कई फर्जी दस्तावेजों और बैंक लेन-देन के सबूत मिलने की संभावना है।
मनरेगा में भ्रष्टाचार की एक और मिसाल
इस घटना ने एक बार फिर से मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार की ओर ध्यान खींचा है, जहां जिम्मेदार कर्मचारी सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे, इसके लिए कड़े निगरानी तंत्र की आवश्यकता अब और स्पष्ट हो गई है।