नई दिल्ली – Apple का पहला कंप्यूटर 42 साल बाद मंगलवार(25 सितंबर) को नीलाम हो गया। Apple के सबसे पहले कंप्यूटर Apple-1 को मैसेचुएट्स के बोस्टन में नीलाम किया गया। इसे अमेरिका के एक व्यापारी ने 3,75,00 डॉलर(भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 2 करोड़ 72 लाख रुपये) में खरीदा। नीमाली में कंप्यूटर की बेस प्राइस 3 लाख डॉलर, जो की भारतीय करेंसी के मुताबिक करीब 2 करोड़ रुपए रखी गई थी। तो जानते हैं इस कंप्यूटर से जुड़ी खास बातें।
Apple-1 को किसने बनाया था?
Apple के को-फाउंडर स्टीव वोजनियाक ने Apple-1 को साल 1976 में बनाया था, जिसके बाद इसका एक नाम Woz भी पड़ गया। Apple-1 को जब डिजाइन किया गया था तब उसकी कीमत 666.66 डॉलर थी।
42 साल बाद भी नए कंप्यूटर जैसा है Apple-1
नीलामी से पहले एक्सपर्ट्स ने बताया कि Apple-1 आज भी एक नए कंप्यूटर जैसा काम करता है। इसके अलावा बताया यह भी बताया गया है कि कंप्यूटर में सारे ओरिजिल पार्ट्स लगे हुए हैं। नीलामी से पहले Apple-1 को 8 घंटे तक लगातार चलाया गया, जहां इसमें किसी तरह की परेशानी दर्ज नहीं की गई।
Apple-1 की कहानी है अनूठी
बताया जाता है कि Apple-1 को बनाने के लिए न तो स्टीव जॉब्स और न ही स्टीव वोजनियाक के पास पर्याप्त पैसे थी। काम रूके नहीं इसलिए दोनों ने अपने सामान को बेचने का फैसला लिया। Apple-1 को बनाने के लिए स्टीव जॉब्स ने अपनी गाड़ी और स्टीव वोजनियाक ने अपना कैलकुलेटर बेचा था।
ऐसा था Apple-1
Apple-1 के 200 यूनिट को शुरू में तैयार किया गया था। शुरुआती दौर में यह सिर्फ मदरबोर्ड था, जिसमें कीबोर्ड और स्क्रीन नहीं दी गई थी। उस समय इसे टीवी से कनेक्ट किया जा सकता था।
Apple-1 की पहली बिक्री में हुआ फायदा
Apple के को-फाउंडर स्टीव वोजनियाक ने एक इंटरव्यू में कहा था कि Apple-1 की कीमत 666.66 डॉलर रखी गई थी, जिससे कंपनी को 12 हजार डॉलर की कमाई हुई थी।
Apple-1 दुनिया के 50 कंप्यूटर में है शामिल
Apple-1 को नीलामी के दौरान इसे दुनिया के 50 चुनिंदा कंप्यूटर में शामिल किया गया था।