कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।नो स्मोकिंग डे” हर साल दुनियाभर में 12 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य तंबाकू के सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना है। हालांकि अधिकांश लोग मानते हैं कि सिगरेट का धुआं केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी होता है। आइए जानते हैं कि सिगरेट का धुआं सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं, बल्कि शरीर के इन पांच महत्वपूर्ण अंगों पर भी गंभीर असर डालता है:
1. हृदय (Heart):
सिगरेट का धुआं हृदय प्रणाली को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन रक्तवाहिनियों को संकुचित करता है, जिससे रक्त संचार में रुकावट आती है और रक्तचाप बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
2. मस्तिष्क (Brain):
सिगरेट का धुआं मस्तिष्क पर भी नकारात्मक असर डालता है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को घटित कर सकता है, जिससे मस्तिष्क संबंधी बीमारियों, जैसे कि मानसिक असंतुलन, चिंता, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता है।
3. आंखें (Eyes):
सिगरेट के धुएं से आंखों में जलन, सूजन और सूखापन हो सकता है। इसके कारण आंखों में विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिना में क्षति। लंबे समय तक धुआं inhalation से दृष्टि संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4. पाचन तंत्र (Digestive System):
सिगरेट का धुआं पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। यह पेट की दीवारों को जलाता है और पेट में अल्सर (ulcers) पैदा कर सकता है। इसके अलावा, यह लिवर के कार्य को कमजोर करता है, जिससे सिरोसिस और अन्य लीवर संबंधित बीमारियाँ हो सकती हैं।
5. त्वचा (Skin):
सिगरेट के धुएं का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। यह त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करता है और दाग-धब्बे, झुर्रियाँ, और त्वचा का सूखापन उत्पन्न करता है। सिगरेट का धुआं त्वचा में रक्त संचार को कम करता है, जिससे त्वचा की रंगत मुरझाई हुई और अस्वस्थ दिखने लगती है।