कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ नकदी बरामदगी मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुमपारा द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने आग्रह किया कि यह उनकी तीसरी याचिका है और इसे शीघ्र सूचीबद्ध किया जाए। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की गैर-मौजूदगी में चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनवाई की। जब वकील ने बार-बार याचिका की प्राथमिकता की बात की और जज को 'वर्मा' कहकर संबोधित किया, तो अदालत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। चीफ जस्टिस गवई ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, क्या वह आपके दोस्त हैं? वह अभी भी जस्टिस वर्मा हैं। आप उन्हें कैसे बुला रहे हैं? कुछ मर्यादा रखें। वह एक जज हैं।अदालत ने साफ कहा कि याचिका को उचित समय पर सूचीबद्ध किया जाएगा और अभी कोई तात्कालिक सुनवाई नहीं की जाएगी। यह घटना सुप्रीम कोर्ट में शिष्टाचार और न्यायपालिका के प्रति सम्मान के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर करती है।