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जीतू पटवारी का मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सिंधिया के गुना दौरे पर तंज

मध्य प्रदेश
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: August 5, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर संवेदनहीन हाेने का आराेप लगाया है। उन्हाेंने कहा है कि गुना की बाढ़ त्रासदी ने भाजपा सरकार की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। जिस समय गुना और आसपास के गाँव-शहर पानी में डूबे थे, लोग अपने घरों और बच्चों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय सरकार केवल कागजी कार्रवाई और मीडिया शो पर ध्यान दे रही थी।
जीतू पटवारी ने मंगलवार काे मीडिया काे जारी अपने बयान में मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना दाैरे पर तंज कसते हुए कहा कि एक दिन पहले सीएम ने केन्द्रीय मंत्री के साथ बाढ़ प्रभावित गुना का दौरा किया, लेकिन यह दौरा केवल औपचारिकता और फोटो सेशन तक ही सीमित रहा। जनता के गुस्से और विरोध के कारण सत्ता के “महाराजाओं” को उल्टे पांव उड़न-खटोले से वापस लौटना पड़ा। पीपीसी चीफ पटवारी ने कहा कि “32 साल बाद हुई सबसे भीषण बारिश के बाद भी भाजपा सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में गंभीरता नहीं दिखाई। जिन कॉलोनियों में पहली मंज़िल तक पानी भर गया, वहां प्रशासन और जनप्रतिनिधि दिखाई तक नहीं दिए। मुख्यमंत्री केवल उन इलाकों में गए, जहां कोई विरोध न हो, ताकि मीडिया में ‘सकारात्मक तस्वीरें’ दिखाई जा सकें।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि 24 घंटे के भीतर हर प्रभावित परिवार को तात्कालिक सहायता दी जाए। इसके साथ ही बाढ़ में क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए विशेष पैकेज घोषित किया जाए। जीतू ने कहा कि जिन परिवारों के सदस्य घायल हुए या जिनकी संपत्ति नष्ट हुई, उनके लिए स्वास्थ्य और पुनर्वास योजनाएं लागू की जाएं। जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाए कि राहत कैंप, भोजन, दवाइयां और स्वच्छ पानी बिना देरी उपलब्ध कराए जाएं। पटवारी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि 8 दिनों के भीतर मुआवजा और राहत कार्य शुरू नहीं हुए, तो कांग्रेस इतिहास का सबसे बड़ा चक्का जाम करेगी और जनता के हक़ की लड़ाई लड़ेगी।” पटवारी ने गुना की जनता को भरोसा दिलाया कि “कांग्रेस हर पीड़ित परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हर परिवार को उसका हक़ और राहत नहीं मिल जाती। यह लड़ाई सिर्फ़ राजनीति की नहीं, बल्कि इंसानियत की है ।

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