कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
राजधानी नयी दिल्ली और आसपास के दिल्ली-NCR क्षेत्रों में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। गुरुवार सुबह से ही शहर स्मॉग की मोटी चादर में लिपटा नजर आया। हवा की गति धीमी होने, तापमान में गिरावट और पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि से प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे बेहद चिंताजनक स्थिति बताते हुए सावधानी बरतने की अपील की है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी सुबह 7 बजे के बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का औसत एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 349 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्तर संवेदनशील लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा देता है, वहीं स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी हानिकारक माना जाता है।
दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में प्रदूषण का स्तर और भी अधिक गंभीर पाया गया।
बवाना में AQI 405, जो ‘गंभीर’ श्रेणी के बेहद करीब है।
आनंद विहार का AQI 390,
अशोक विहार 388,
जहांगीरपुरी 394,
चांदनी चौक 371,
ITO 357 और
धौला कुआं में 356 एक्यूआई दर्ज किया गया।
ये सभी आंकड़े ‘बहुत खराब’ श्रेणी दर्शाते हैं। राजधानी के उत्तरी क्षेत्र—अलीपुर (356) और बुराड़ी (369)—में भी वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ी है।
दिल्ली से सटे शहरों में भी हालात बेहतर नहीं हैं।
नोएडा सेक्टर-62 में एक्यूआई 325,
गाजियाबाद के वसुंधरा में 296,
इंदिरापुरम में 389,
गुरुग्राम के विकास सदन में 325 एक्यूआई दर्ज हुआ है।
सीपीसीबी के अनुसार, पिछले तीन दिनों से प्रदूषण स्तर लगातार उतार-चढ़ाव के साथ ‘बहुत खराब’ दायरे में ही बना हुआ है। बुधवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 327 था, जबकि मंगलवार को यह 352 और सोमवार को 382 रहा था। इससे साफ है कि हवा की गुणवत्ता में कोई स्थायी सुधार नहीं दिख रहा है।
वायु गुणवत्ता चेतावनी प्रणाली (SAFAR) के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की संभावना कम है। मौसम विभाग ने बताया कि हवा की रफ्तार सामान्य से कम होने और ठंड बढ़ने के कारण प्रदूषक तत्व जमीन के पास ही जमा हो रहे हैं।
सरकार की ओर से उठाए गए कदम
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई प्रतिबंध लागू किए हैं। निर्माण कार्यों पर रोक, कचरा जलाने पर सख्त निगरानी, डीज़ल जनरेटरों के उपयोग पर प्रतिबंध और सड़क पर पानी का छिड़काव जैसे प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने प्रशासन और जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को घर से कम बाहर निकलने की सलाह दी है। बाहर निकलने पर एन-95 मास्क पहनने, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने और अधिक पानी पीने की सलाह दी गई है।
फिलहाल, दिल्ली-NCR की हवा खतरनाक मोड़ पर है और आने वाले दिनों में राहत के आसार बेहद कम हैं। जनता और सरकार दोनों को मिलकर ही इस संकट से निपटना होगा।
