कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार धर्मशाला के तपोवन में 26 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक आयोजित किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस बार सत्र में कुल आठ बैठकें होंगी, जो अब तक का सबसे बड़ा शीतकालीन सत्र होगा। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। पठानिया ने बताया कि सत्र का शुभारंभ 26 नवम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे होगा। सत्र के पहले दिन सदन की शुरुआत शोकोदगार (शोक प्रस्ताव) से होगी। उन्होंने कहा कि 29 और 30 नवम्बर को सत्र की बैठकें नहीं होंगी। वहीं 4 दिसम्बर का दिन गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिसूचना जारी होने के साथ ही विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित प्रश्न और सूचनाएं विधानसभा सचिवालय को ऑनलाइन या ऑफलाइन भेज सकते हैं। इस बार शीतकालीन सत्र सामान्य से पहले शुरू हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों से यह सत्र आमतौर पर दिसम्बर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में आयोजित होता रहा है, लेकिन इस बार इसे नवम्बर के अंत में ही बुलाया गया है। माना जा रहा है कि सत्र के दौरान राजनीतिक तापमान काफी बढ़ेगा और सदन के हंगामेदार रहने के आसार हैं विपक्षी भाजपा सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। बेरोजगारी, प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति, कर्मचारियों और पेंशनरों के लंबित एरियर व डीए, कांग्रेस की चुनावी गारंटियां, नशा तस्करी, बढ़ता कर्ज बोझ, जॉब ट्रेनी, हिमकेयर और आयुष्मान योजना में लाभार्थियों को हो रही दिक्कतें तथा शिमला नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने जैसे विषयों पर भाजपा सरकार से जवाब मांगेगी दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस केंद्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाकर विपक्ष को जवाब देने की कोशिश करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार हिमाचल के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति पर दबाव बढ़ रहा है।
