कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। बांग्लादेश ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पोस्ट पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को विशेष रूप से उजागर किया था। बांग्लादेश का कहना है कि इस संघर्ष में बांग्लादेश की जीत को सही तरीके से नहीं प्रस्तुत किया गया है, और भारत की भूमिका को सहयोगी के रूप में ही देखे जाने की जरूरत है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पीएम मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता प्राप्ति में भारतीय सैनिकों और जनता के योगदान को सराहा था और भारत-बांग्लादेश के संबंधों को मजबूत बताया था।
बांग्लादेश ने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 1971 की युद्ध में बांग्लादेश की जीत पूरी तरह से बांग्लादेशियों की थी, और भारतीय सेना केवल एक सहयोगी के रूप में थी। बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेशी लोग अपने स्वतंत्रता संग्राम की मुख्य धारा में थे और भारतीय सेना ने उनका साथ दिया, लेकिन स्वतंत्रता की यह लड़ाई बांग्लादेशियों की अपनी थी।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की लड़ाई हमारे खुद के संघर्ष का परिणाम थी। भारत ने हमारा सहयोग किया, लेकिन हमें अपने स्वतंत्रता संग्राम को सम्मान के साथ याद रखने का अधिकार है।” इस विवाद के बाद, बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को लेकर कुछ समय के लिए तनाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, हालांकि दोनों देशों के रिश्तों में हमेशा एक मजबूत साझेदारी और सहयोग रहा है।