कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब डोडा पश्चिम से भाजपा विधायक शक्ति परिहार ने शिक्षा विभाग में तबादलों में क्षेत्रीय भेदभाव का आरोप लगाया। परिहार ने दावा किया कि कश्मीर में शिक्षा विभाग में तबादले प्रभावित हुए हैं जबकि जम्मू की अनदेखी की गई है। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा हुआ। शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने कहा कि भाजपा भेदभाव का रोना रोने की आदी है। उन्होंने कहा कि कोई भेदभाव नहीं है। विभाग में भर्तियों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि कश्मीर घाटी में 350 नियुक्तियाँ की गईं जबकि जम्मू क्षेत्र में 860 नियुक्तियाँ की गईं। इट्टू ने कहा कि विभागीय पदोन्नति समितियाँ (डीपीसी) प्रक्रियाधीन हैं और समय आने पर पूरी कर ली जाएँगी। पुंछ और राजौरी जिलों से तबादले शुरू हुए थे लेकिन आपत्तियों के कारण इसे स्थगित रखा गया है। मंत्री ने कहा कि भर्ती पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी और पदों को भर्ती एजेंसियों को नहीं भेजा गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने 1500 पदों पर रोक लगा दी थी। शिक्षा विभाग लगभग बंद होने की कगार पर था। मैं मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) का शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने 50 प्रतिशत पदों पर रोक हटा दी। इट्टू ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें हमें बताना चाहिए कि उन्होंने शिक्षा विभाग को कहाँ पहुँचा दिया है। इसके बाद सदन की कार्यवाही सामान्य रूप से शुरू हो गई।
