लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उत्तर प्रदेश का 78वां वार्षिक महाधिवेशन शनिवार को भव्यता के साथ प्रारंभ हुआ। महा अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए डॉ आशीष गोयल अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने कहा कि मैं यहां केवल आपको सुनने में अच्छी लगने वाली बातें रखने के लिए नहीं आया हूं बल्कि वर्तमान में कॉरपोरेशन की स्थिति और उसकी चुनौतियों से अवगत कराने हेतु आया हूं। डॉ गोयल ने कहा कि वर्तमान में कॉर्पोरेशन की वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब है कॉर्पोरेशन का घाटा लगभग 55000 करोड़ है और इतना ज्यादा घाटा कोई भी राज्य सरकार बहुत लंबे समय तक नहीं उठा पाएगी, इसीलिए हम सबको प्रयास कर इस घाटे को कम करना पड़ेगा। कहा कि जल्द ही अवर अभियंता से सहायक अभियंता एवं सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नति कर दी जाएगी।

संगठन का मांग पत्र रखते हुए केंद्रीय महासचिव इंजीनियर बलवीर यादव ने कहा कि वर्तमान प्रबंधन अवर अभियंता संवर्ग को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से निर्णय ले रहा है जिस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और नियम विरुद्ध आदेश वापस होने चाहिए तथा 4800 ग्रेड वेतन को अवर अभियंता संवर्ग के लिए समाप्त कर देना चाहिए। संगठन के संरक्षक इंजीनियर आरके त्रिवेदी ने अध्यक्ष से कहा कि उत्तराखंड के पैटर्न पर 4800 ग्रेड वेतन अवर अभियंता संवर्ग के लिए समाप्त कर दिया जाए तथा सिंगल विंडो व्यवस्था के तहत कार्य करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट किसी एक जिले में चालू किया जाए और तब इस संवर्ग की जिम्मेदारी तय की जाए और यदि कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आता तो जो चाहे वह कार्यवाही कर दें। संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष इंजीनियर अजय कुमार ने अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन एवं पूरी प्रबंधन टीम को धन्यवाद दिया साथ ही अध्यक्ष से मांग किया कि निलंबन से बहाली के पश्चात कारपोरेशन को समर्पित करने के आदेश का निचले स्तर पर प्रबंधन द्वारा अपने निजी मतभेदों की वजह से बदला लेने की प्रवृत्ति से अनावश्यक कार्रवाई की जा रही है जिस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।

