कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
उत्तराखंड रजत जयंती पर आयोजित विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भी राज्य की उपलब्धियां और भविष्य के रोड मैप पर चर्चा शुरू हुई है। सदन में महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने राज्य में महिला विकास, चिकित्सा क्षेत्र,किसानों के धान क्रय से जुड़ी उपलब्धियों को क्रमवार रखा। विपक्षी विधायकों ने धान क्रय केंद्रों को लेकर सवाल उठाए। बुधवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही महिला और बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने अपने विभाग की उपलब्धियों और वर्तमान योजनाओं का खाका रखा। मंत्री आर्या ने राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने पर कहा कि यहां संघर्ष भी समपर्ण है। सपनों का साकार होने का यह अवधि है। ये उत्सव का अधिकार राज्य आंदोलनकरियों के संघर्ष से मिला है। पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी को याद करते उन्होंने कहा कि उनके निर्णय से उत्तराखंड राज्य मिला। राष्ट्रपति के संदेश से उत्तराखंड विकास में उत्साह भरने के साथ ही विकास को नई गति मिलेगी। मंत्री ने कहा कि राज्य में बनने के समय प्रदेश में 54 बाल विकास परियोजनाएं संचालित थीं। जिनकी संख्या बढ़कर आज 105 हो गई है। साल 2000 में 4243 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होती थीं, आज 20 हज़ार से अधिक केंद्र हो गई हैं। 5 हजार मिनी आंगनबाड़ी को उच्चीकरण किया गया। 2018 में पोषण कार्यक्रम शुरू हुआ। अनाथ बच्चों को कोविड के दौरान राजकीय सेवाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दी गई। महिलाओं व बच्चों की मदद के चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर भी संचालित है। उन्होंने कहा कि राज्य लिंगानुपात में सुधार हुआ है। पहले 962 से अब 984 के अंक साथ देश के आठवें पायदान पर उत्तराखंड खड़ा है। पहले 10 वें पायदान पर उत्तराखंड खड़ा था। मंत्री आर्या ने कहा कि महिलाओं के लिए तिलू रौतेली सहित अन्य पुरस्कार देने की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है। उत्तराखंड सरकार महिलाओं के विकास और प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया। उत्तराखंड ने यूसीसी में महिलाओं को समांतर लाने का काम किया गया। विजन 2047 के दृष्टि को लेकर उन्होंने कहा कि महिला और पुरूष में लैंगिक समानता को बराबर लाया जाएगा। सक्षम आंगनबाड़ी को डिजिटल कर पोषण मुक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पहली बार राज्य में स्टेट कैंसर अस्पताल हल्द्वानी में स्थापित किया जा रहा है। केदारनाथ में 17 बेड का अस्पताल इस यात्रा वर्ष में स्थापित किया गया। राज्य में 7 पीजी मेडिकल कॉलेजों में 700 मेडिकल छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। राज्य में दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेल नीति को राज्य में लाया गया जिसका लाभ खिलाड़ियों को प्रतिभा को निखारने में मिल रहा है। खिलाड़ियों को आउट ऑफ जॉब और 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल विजेता को नगद राशि और कोच को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि किसानों के धान क्रय के लिए केंद्र बनाए गए हैं। धान उत्पादन इस बार अधिक हुआ है। धान अधिक क्रय के लिए केंद्र को पत्र लिखा गया है। सदन में कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि धान का सरकारी रेट 2389 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन अभी किसानों के धान क्रय के नाम पर मिल किसानों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश का किसान उत्तराखंड में धान बेच रहे हैं, जबकि वह धान क्रय नहीं कर सकते हैं। किच्छा कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि राज्य की स्थाई राजधानी देहरादून में होनी चाहिए। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण घोषित है। अब वहां पर सुविधा को तेजी से डेवलप करने की आवश्यकता है। राज्य निर्माण की तिथि से रहने वाले को स्थाई निवासी मान लिया जाए। उत्तराखंड बनने के बाद विधायकों का अधिकारी अपमान कर रहे हैं। अधिकारी एक ही स्थान पर जमे हैं और मनमानी कर रहे हैं। अगर बदले गए भी तो फिर जुगाड़ लगा कर तबादला करा लेते हैं। डीडीहाट भाजपा विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा कि राज्य निर्माण के बाद प्रदेश में चहुंमुखी विकास हुआ। पारंपरिक खेलों को सरकार ने बढ़ावा दिया है। ग्राम पंचायतों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दी गई है। आज हरेक गांव में नल जल पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के आदि केदार दौरे से पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। वहां के लोगों को रोजगार मिल रहा है। लैंसडौन भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत ने कहा कि राज्य निर्माण में बहुत खलनायकों ने काम किया। उत्तराखंड के लोगों का विशाल हृदय है। गोली मारने वाले को भी स्वीकार किया। पहाड़ीपन और उत्तराखंड की भावनाएं होनी चाहिए। खेती के लिए नियोजन होनी चाहिए तभी किसान खुशहाल और समृद्धि होंगे।

