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शिमला में बर्फबारी से निपटने की तैयारी पूरी, शहर को पांच सेक्टरों में बांटा

शिमला
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 10, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

विंटर सीजन में बर्फबारी के मौसम को देखते हुए शिमला जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में बर्फबारी के दौरान यातायात, जनसुरक्षा और आवश्यक सेवाओं को सुचारू रखने को लेकर विस्तृत रणनीति बनाई गई। बैठक में पुलिस सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि शिमला शहर को बर्फबारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पांच सेक्टरों में बांटा गया है, ताकि भारी हिमपात की स्थिति में रास्तों को जल्दी खोला जा सके और यातायात बाधित न हो। प्रत्येक सेक्टर के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं जो अपने क्षेत्र में बर्फ हटाने और राहत कार्यों की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि सेक्टर-1 में संजौली, छोटा शिमला, ढली, कुफरी, मशोबरा, नालदेहरा और बल्देयां क्षेत्र शामिल हैं, जिसकी जिम्मेदारी एसडीएम शिमला ग्रामीण को सौंपी गई है। सेक्टर-2 में ढली-संजौली बाईपास, आईजीएमसी, लक्कड़ बाजार से विक्ट्री टनल, चौड़ा मैदान, एजी ऑफिस, अनाडेल और विश्वविद्यालय क्षेत्र को शामिल किया गया है, इसके प्रभारी एडीएम लॉ एंड ऑर्डर होंगे। सेक्टर-3 में टूटीकंडी, शोघी, चक्कर, बालूगंज, जतोग, नाभा, फागली, बीसीएस और विकास नगर क्षेत्र आएंगे, जिनकी जिम्मेदारी एसडीएम शहरी संभालेंगी। सेक्टर-4 में डीसी ऑफिस, विक्ट्री टनल से छोटा शिमला, रिज, जाखू, ओक ओवर, कमला नेहरू अस्पताल और उच्च न्यायालय क्षेत्र शामिल हैं, जिसकी निगरानी एडीएम प्रोटोकॉल करेंगे। जबकि सेक्टर-5 में सचिवालय, छोटा शिमला, ब्रॉकहॉस्ट, मेहली, कसुम्पटी और पंथाघाटी क्षेत्र रखे गए हैं, इसके प्रभारी अतिरिक्त उपायुक्त शिमला होंगे। बैठक में बर्फ हटाने वाली मशीनों की स्थिति, स्टाफ की तैनाती, ईंधन भंडारण और वैकल्पिक मार्गों की तैयारी की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन ने 24x7 कंट्रोल रूम और टास्क फोर्स गठित की है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। उन्होंने सभी उपमंडल दंडाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एक सप्ताह के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों में बैठक कर आकस्मिक योजना तैयार करें और आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ से समन्वय बनाए रखें।

दूरदराज क्षेत्रों में आवश्यक खाद्य सामग्री, गैस सिलेंडर और डीजल का पर्याप्त भंडारण किया गया है, ताकि बर्फबारी के समय किसी प्रकार की कमी न हो। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने और एक्सपायर्ड दवाइयों को नियमानुसार नष्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही एंबुलेंस वाहनों के टायर पर चेन लगाने को कहा ताकि बर्फबारी में भी इमरजेंसी सेवाएं जारी रहें। उन्होंने बिजली और जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि बर्फबारी के दौरान बिजली व पानी की आपूर्ति बाधित न हो। वन क्षेत्रों से गुजरने वाली बिजली लाइनों की विशेष निगरानी रखने को भी कहा गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बिजली कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय सुरक्षा कार्यशाला आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने परिवहन निगम के चालकों से आग्रह किया कि बर्फबारी के दौरान किसी भी प्रकार का जोखिम न लें और सड़क की स्थिति देखकर ही यात्रा करें। प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर उन मार्गों की सूची तैयार की है जिन्हें बर्फबारी के दौरान सबसे पहले खोला जाएगा, जिनमें संजौली से आईजीएमसी, कैंसर अस्पताल, केएनएच से कार्ट रोड, राजभवन से ओक ओवर, रिज से सचिवालय, और शोघी से टूटीकंडी मार्ग शामिल हैं। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि बर्फबारी के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा या परेशानी न झेलनी पड़े। किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है।

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