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हिमाचल में कड़ाके की ठंड, शून्य से नीचे पारा, 1 दिसंबर तक नहीं गिरेगी बर्फ

शिमला
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 25, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

हिमाचल प्रदेश में नवंबर का महीना लगभग पूरी तरह शुष्क बीता है और कड़ाके की ठंड ने पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे जनजातीय जिलों में न्यूनतम तापमान लगातार शून्य से नीचे दर्ज किया जा रहा है, जिसके चलते वहां जल स्रोत जम गए हैं। आगामी 1 दिसंबर तक प्रदेश में कहीं भी बारिश व बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है और मौसम शुष्क बना रहेगा। यह लगातार शुष्क मौसम ही है कि नवंबर महीने में सामान्य से 92 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान लाहौल स्पीति जिला का जनजातीय क्षेत्र ताबो रहा, जहाँ न्यूनतम तापमान -7.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा लाहौल-स्पीति के ही कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान -4.3 डिग्री सेल्सियस और किन्नौर के कल्पा में -0.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अन्य जनजातीय क्षेत्रों रिकांगपिओ में न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस और भरमौर में 5.0 डिग्री सेल्सियस रहा। कुल्लू जिले के भुंतर में भी पारा काफी नीचे 3.0 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और हिल स्टेशन भी ठंड की लहर में हैं। शिमला में न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस और मनाली में 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पर्यटन नगरी कुफरी में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस और नारकंडा में 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा।अन्य प्रमुख शहरों की बात करें तो सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 3.5, धर्मशाला 7.2, ऊना 7.0, नाहन 7.6, पालमपुर 4.2, सोलन 3.5, कांगड़ा 6.0, मंडी 6.3, बिलासपुर 8.2, हमीरपुर 5.6, जुब्बड़हट्टी 7.2, बरठीं 6.5, सराहन 5.1, देहरा गोपीपुर 7.0, और बजुआरा में 3.7 डिग्री सेल्सियस। राज्य के निचले हिमाचल क्षेत्रों में आज मंगलवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता में कमी आई। मैदानी क्षेत्रों में सुबह के समय छाए कोहरे के कारण बिलासपुर, मंडी और सुंदरनगर में दृश्यता कम दर्ज की गई। बिलासपुर में दृश्यता 100 मीटर, मंडी में 300 मीटर और सुंदरनगर में 500 मीटर रिकॉर्ड की गई। इस शुष्क मौसम के कारण किसानों और बागवानों की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि नवंबर का महीना लगभग वर्षाहीन रहा है और अगले एक सप्ताह तक भी बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं हैं।
 

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