कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (SP) और उसके नेता अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि “जो पार्टी कारसेवकों पर गोली चलवाने की जिम्मेदार है, उसे जनता से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है”। उनका यह बयान 1990 के दशक में हुए रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा हुआ था, जब समाजवादी पार्टी की सरकार में कारसेवकों पर गोली चलवाने की घटना हुई थी।
ब्रजेश पाठक का आरोप:
ब्रजेश पाठक ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा कि समाजवादी पार्टी की “वह काली करतूत” यूपी की जनता कभी नहीं भूलेगी, जब 1990 में कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को इस मुद्दे पर खेद जताना चाहिए और जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि यह घटना देश और धर्म के प्रति एक बड़ा अपराध थी।
ब्रजेश पाठक ने यह आरोप भी लगाया कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा हिंदू भावनाओं के खिलाफ काम किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रदेश की जनता को बहुत दर्द हुआ। उन्होंने अखिलेश यादव से पूछा कि “क्या वह इस कृत्य पर माफी मांगेंगे?”
अखिलेश यादव का पलटवार:
इस पर अखिलेश यादव ने जवाबी बयान देते हुए कहा कि “ब्रजेश पाठक भाजपा के दबाव में आकर इस तरह के बयान दे रहे हैं”। उन्होंने कहा कि यूपी की जनता जानती है कि सपा ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता और समाज की भलाई के लिए काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा इस तरह के आरोप लगाना सिर्फ राजनीति की चाल है और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
ब्रजेश पाठक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक युद्ध और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति पहले भी तेज हो चुकी है। दोनों दल एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार, नफरत फैलाने, और समाज में असमंजस पैदा करने के आरोप लगाते रहे हैं।
सपा और भाजपा का संघर्ष:
ब्रजेश पाठक का बयान सीधे तौर पर सपा के उस “कारसेवक गोली कांड” से जुड़ा है, जब मुलायम सिंह यादव की सरकार में लखनऊ में कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश दिया गया था। यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक काले धब्बे के रूप में दर्ज है, और भाजपा इसे हमेशा सपा के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती रही है।