कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। महाराष्ट्र में राजनीति की हलचल तेज हो गई है, और आगामी 22 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने को लेकर चल रहे तनाव और समीकरणों का हिस्सा है। इस बार फडणवीस ने अपने पुराने सहयोगी शिंदे और नाना पाटोले के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
महाराष्ट्र की नई राजनीतिक तस्वीर:
फडणवीस ने अपनी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की घोषणा करते हुए यह साफ कर दिया कि उन्हें शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना (Eknath Shinde faction) और पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (Nationalist Congress Party) का समर्थन प्राप्त है। इस गठबंधन को एक मजबूत सरकार के रूप में पेश किया गया है, जिसमें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी का साथ होगा।
शपथ ग्रहण समारोह की तारीख 22 दिसंबर तय की गई है, जिसमें महाराष्ट्र के गवर्नर द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। शिंदे और पवार भी मंत्रिमंडल के अन्य प्रमुख पदों पर शपथ लेंगे।
राजनीतिक समीकरण और मजबूत गठबंधन:
फडणवीस ने इस गठबंधन को लेकर कहा कि महाराष्ट्र की जनता को स्थिर और विकासशील सरकार की आवश्यकता है, जो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरे। उन्होंने इस गठबंधन को लेकर विश्वास जताया कि यह राज्य के लिए फायदेमंद होगा और सरकार पूरी तरह से जनता की भलाई के लिए काम करेगी।
इस राजनीतिक गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी शामिल हैं, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। फडणवीस के नेतृत्व में इस सरकार का उद्देश्य राज्य में विकास की गति को तेज करना है और जनता की परेशानियों को दूर करना है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का रुख:
इस गठबंधन और शपथ ग्रहण समारोह से विपक्षी दलों की चिंताएं बढ़ सकती हैं। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस गठबंधन को लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्ष का कहना है कि यह गठबंधन सिर्फ सत्ता के लिए बनाया गया है और इसका उद्देश्य केवल अपनी सत्ता को बनाए रखना है, जबकि राज्य की जनता के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया है। विपक्षी नेताओं का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र में इस गठबंधन की स्थिरता को लेकर सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि यह गठबंधन विभिन्न विचारधाराओं वाले दलों का मिश्रण है। फिर भी, बीजेपी और इसके सहयोगी नेताओं ने यह दावा किया है कि यह सरकार पूरी तरह से स्थिर होगी और राज्य के हित में काम करेगी । फडणवीस का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का ऐलान और शपथ ग्रहण समारोह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला है। यह गठबंधन राज्य में स्थिर सरकार बनाने का दावा कर रहा है, हालांकि विपक्ष इस पर लगातार सवाल उठा रहा है। आगामी समय में यह देखा जाएगा कि इस गठबंधन की कार्यकुशलता और स्थिरता कितनी लंबी होती है, और क्या यह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में सफल हो पाता है।