Search News

मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान - ऋचा घोष के नाम पर उत्तर बंगाल में बनेगा क्रिकेट स्टेडियम

कोलकाता
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 10, 2025

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उत्तर बंगाल में बनने वाले नए क्रिकेट स्टेडियम का नाम भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्वकप विजेता सदस्य ऋचा घोष के नाम पर रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सिलिगुड़ी के चांदबागान में लगभग 27 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जहां इस स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा उत्तरकन्या से आयोजित पत्रकार सम्मेलन में की। शनिवार को कोलकाता के ईडन गार्डेंस में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) और राज्य सरकार की ओर से ऋचा घोष को विशेष सम्मान दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं। समारोह में सीएबी की ओर से ऋचा को फूल, सोने की प्लेट लगी बैट और बॉल भेंट की गई, साथ ही उन्हें 34 लाख की उपहार राशि प्रदान की गई। राज्य सरकार की ओर से ऋचा को ‘बंगभूषण’ सम्मान तथा राज्य पुलिस में मानद उपाधी डीएसपी का पद भी दिया गया। उत्तर बंगाल के प्रशासनिक बैठक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर ‘सुपर इमरजेंसी’ जैसी स्थिति बनाई जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोग इतनी जल्दबाजी में मतदाता सूची का पुनरीक्षण क्यों कर रहा है, जबकि आयोग 7 फरवरी को अंतिम सूची जारी करने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “नोटबंदी के बाद अब ‘वोटबंदी’ की कोशिश हो रही है। लोगों को अपनी पहचान साबित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है - इससे बड़ी अपमानजनक बात और क्या हो सकती है? उन्होंने कहा कि दो साल का समय दिया जा सकता था, मगर इतनी हड़बड़ी क्यों? “लोगों को वंचित और अपमानित किया जा रहा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

केंद्र सरकार पर राज्य के प्रति लगातार बर्ताव को लेकर ममता बनर्जी ने कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “चार वर्षों से केंद्र ने राज्य की वित्तीय सहायता रोक रखी है। अदालत के निर्देश के बावजूद 100 दिन के काम की मजदूरी नहीं दी गई। बंगाल को भूखा मारने की साजिश रची जा रही है।” मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने वैकल्पिक रूप से ‘कर्मश्री’ योजना शुरू की है, ताकि लोगों को रोजगार मिलता रहे। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय दोनों ने 100 दिन के काम का बकाया भुगतान करने का आदेश दिया है, फिर भी केंद्र सरकार उसे लागू नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री ने इसे “केंद्र की घोर अन्यायपूर्ण नीति” बताया। उत्तर बंगाल के दौरे पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया आपदा के बाद केंद्र सरकार ने राज्य को किसी प्रकार की मदद नहीं दी। उन्होंने कहा, “जब सिक्किम में 14 हाइडल प्रोजेक्ट बनाए गए, तो पानी का प्रवाह रुक गया। नतीजा यह हुआ कि जब भारी वर्षा होती है, तो उसका पूरा असर हमारे इलाकों पर पड़ता है। तिस्ता नदी को नष्ट कर दिया गया है, यह सामाजिक अपराध है। मुख्यमंत्री ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी), मैथन और पंचेत बांधों की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि केंद्र इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने सवाल किया कि “ड्रेजिंग क्यों नहीं हो रही है? इसका जवाब केंद्र को देना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ रोकना पूरी तरह से बीएसएफ की जिम्मेदारी है, जो केंद्र सरकार के अधीन है। सीएम ने कहा कि अगर घुसपैठ हो रही है तो अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि आगामी 2026 विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस फिर से भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए जनता के बीच जाएगी। उन्होंने कहा कि हम बंगाल की मिट्टी में लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और हर अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे।

Breaking News:

Recent News: