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राजस्थान रेत का विस्तार नहीं अवसरों का पिटारा

राजस्थान
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: August 25, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

डॉ. सुबोध अग्रवाल थार के रेगिस्तान और दूर-दूर तक रेत के धोरों के लिए पहचाना जाने वाला राजस्थान आज औद्योगिक निवेश की विपुल संभावनाओं से परिपूर्ण प्रदेश हो गया है। औद्योगिक निवेश के लिए देसी-विदेशी निवेशकों के लिए राजस्थान प्रमुख डेस्टिनेशन बन गया है। राजस्थान का भौगोलिक परिदृश्य, जिसे कभी निवेश के लिए बाधा माना जाता था, आज अवसरों का पिटारा बन गया है। थार का रेगिस्तान अब केवल रेत का विस्तार नहीं, बल्कि सौर और नवीकरणीय ऊर्जा का वैश्विक केंद्र बन गया है। प्रदेश हरित विकास का नया अध्याय लिख रहा है तो धरती की गर्भ में छिपी खनिज संपदा ने राजस्थान में खनन विकास की नई इबारत लिखना शुरु कर दिया है। गत दिसंबर, 24 में आयोजित राइजिंग राजस्थान इसका जीता-जागता उदाहरण है कि आरआर समिट के दौरान ना केवल देसी-विदेशी निवेशकों ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया अपितु समिट के दौरान 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते हस्ताक्षरित किये हैं। यह आज के बदलते राजस्थान की तस्वीर है। राज्य की औद्योगिक विकास यात्रा को चार महत्वपूर्ण आयामों में विभाजित कर आसानी से समझा जा सकता है। एक, सौर और पवन ऊर्जा राजस्थान को हरित ऊर्जा केंद्र बना रही है। दूसरा, बाड़मेर आज प्रति व्यक्ति आय में अग्रणी है और जैसलमेर भारत की सीमेंट राजधानी के रूप में उभर रहा है। तीसरा, कोटा के जल संसाधन ऊर्जा भंडारण और शिक्षा हब दोनों को गति दे रहे हैं। तो चौथे, पोटाश, यूरेनियम, हाइड्रोकार्बन, क्रिटिकल मिनरल और अन्य खनिज प्रदेश की अर्थव्यवस्था का भविष्य तय कर रहे हैं। राजस्थान निवेशकों की पहली पसंद बनने का बड़ा कारण यह है कि राजधानी दिल्ली और अन्य प्रमुख केन्द्रों से कनेक्टिविटी और यहां की कानून व्यवस्था व लोगों का व्यवहार। शांति, सद्भाव और सहजता राजस्थान की पहचान है। मानव संसाधन की सहज उपलब्धता उद्यमियों के लिए और अधिक आसान हो जाती है। राजधानी दिल्ली से सबसे निकटतम शांत और बेहतर कानून व्यवस्था वाला प्रदेश राजस्थान है। एनसीआर का विस्तार राजस्थान और इसकी सीमाओं से लगते हुए हो रहा हैं। एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे के विस्तार से प्रदेश के किसी भी कोने तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। आज देश मेें नवीकृृत उर्जा के उत्पादन में राजस्थान शीर्ष पर है तो अब सोलर के लिए आवश्यक उपकरण तैयार करने वाले उद्योगों को भी राजस्थान में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बालोतरा के पचपदरा में तैयार हो रही हिन्दुस्तान पेट्रोलियम राजस्थान रिफाइनरी शुरु होते ही तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। यहां पर पेट्रोकेमिकल जोन विकसित किया जा रहा है। बाड़मेर जैसलमेर जिसे कभी काले पानी की सजा के रुप में देखा जाता था तेजी से विकसित क्षेत्र होते जा रहे हैं। लगभग असंभव को संभव बनाते हुए बाड़मेर के विकास को इसी से समझा जा सकता है कि आज राजस्थान में परकेपिटा आय में बाड़मेर शीर्ष स्थान पर आ गया है। बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर से बीकानेर तक तपती धरती आज नवीकृत ऊर्जा खासतौर से सोलर उर्जा के उत्पादन बढ़ा रही है।

नवीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान में अभी भी संभावनाओं को इसी से समझा जा सकता है कि 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में करीब करीब 80 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव नवीकृत उर्जा क्षेत्र के प्राप्त हुए है। राज्य सरकार रीको के माध्यम से भूमि उपलब्ध कराने के साथ ही राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2024 के तहत आकर्षक प्रोत्साहन भी दे रही है। सिंगल विण्डो सिस्टम से निवेशकों के लिए राजस्थान में उद्योगों की स्थापना आसान हो रही है। निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने के प्रति मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और सरकार की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं बड़़े प्रस्तावों को धरातल पर लाने के लिए हो रही प्रगति की समीक्षा प्रतिमाह अपने स्तर पर कर रहे हैं। मुख्य सचिव स्तर पर 200 करोड़ तक के निवेश प्रस्तावों की प्रगति की समीक्षा प्रति सप्ताह की जा रही है तो इससे कम के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा नियमित रुप से संबंधित विभागों द्वारा की जा रही है। यह सब राजनीतिक ईच्छा शक्ति से ही संभव हो पा रहा है। योजनाबद्ध प्रयासों से प्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। आज बाड़मेर प्रदेश में परकेपिटा के हिसाब से शीर्ष पर आ गया है तो वो दिन दूर नहीं जब जैसलमेर सीमेंट के उत्पादन में देश की राजधानी बन जाएगा। पचपदरा में रिफाइनरी अब आ रही है पर इससे पहले ही बाड़मेर और आसपास के क्षेत्र में आर्थिक दृष्टि से तेजी से विकास हुआ है। इस सबके पीछे एक बड़ा कारण तपती धरती को वरदान में बदल कर नवीकृत ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने और प्रदेश में खनिजों की विपुल संपदा को एक्सप्लोर करने से संभव हो पाया है। वैसे राजस्थान में सभी क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के योजनाबद्ध प्रयास किये जा रहे हैं। कोटा में पानी की प्रचुरता के कारण नवीकृत ऊर्जा को संरक्षित कर उपयोग करने की विपुल संभावनाएं हो गई है तो शिक्षा नगरी के रुप में कोटा की अलग पहचान बन चुकी है। जैसलमेर में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन के विपुल भण्डार मिलने के साथ ही कच्चे तेल और गैस के भण्डार मिलने से पूरा सिनेरियो ही बदल रहा है। बीकानेर मेें पोटाश के विपुल भण्डार है तो राजस्थान में यूरेनियम के साथ ही क्रिटिकल मिनरल, गारनेट आदि आदि बहुतायत में है। राजस्थान की धरा के गर्भ में अथाह और विविध प्रकार की खनि संपदा है। सोने-चांदी और लेड जिंक सहित कई मिनरलों में तो राजस्थान शीर्ष पर आ गया है। पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान अग्रणी प्रदेश बन गया है। देसी-विदेशी विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद राजस्थान बनता जा रहा है। राजस्थान के सेंड डून्स, गढ़-किले से लेकर मंदिर गलियारें पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटन के कारण होटल व्यवसाय ने तेजी से विस्तार किया है तो जयपुर और राज्य के अन्य प्रदेशों तक सहज पहुंच के चलते आज राजस्थान मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी तेजी से पहचान बनाता जा रहा है। हेरिटेज होटलों के साथ सभी आर्थिक वर्ग की पहुंच की होटल्स की उपलब्धता है। राजधानी दिल्ली के नजदीक होने से दिल्ली आने वाला और नहीं तो जयपुर का ही चक्कर लगा लेता है। राजस्थान के एंटिक और रत्न व्यवसाय की धमक समूची दुनिया मेें है। औद्योगिक निवेशोन्मुखी माहौल का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि राजस्थान में जापानी जोन अलग से विकसित है और सफलता पूर्वक औद्योगिक उत्पादन हो रहा है। देखा जाए तो राजस्थान में प्रचुर मात्रा में संसाधन होने के साथ ही राज्य सरकार की स्पष्ट उद्योगोन्मुखी नीति, राजनीतिक इच्छाशक्ति और निवेशक-अनुकूल माहौल भी है। यही कारण है कि राजस्थान आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि का धुरी बनता जा रहा है। आने वाला समय राजस्थान का है और राजस्थान अब केवल पर्यटन ही नहीं, बल्कि ऊर्जा, खनिज, शिक्षा और उद्योगों का केंद्र भी हो गया है।

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