कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाल ही में अपने एक बयान को लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। इस बयान में उन्होंने देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चिंता जताते हुए कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं, जिन्हें कई नेता और संगठन आपत्तिजनक मान रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि “भारत में लोकतंत्र समाप्त हो चुका है” और देश एक “तानाशाही” की ओर बढ़ रहा है।
उनके इस बयान के बाद भाजपा और अन्य सत्ताधारी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा ने राहुल गांधी पर देश की छवि को खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बयान राष्ट्र विरोधी है और लोकतंत्र के प्रति उनका असम्मान साफ दिखता है। भाजपा नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित एक निराधार बयान करार दिया है और राहुल गांधी से अपने बयान पर सफाई देने की मांग की है।
वहीं, राहुल गांधी के समर्थकों का कहना है कि उन्होंने यह बयान भारत में बढ़ती असहमति की आवाजों और मीडिया की स्वतंत्रता पर दबाव के संदर्भ में दिया था। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार विपक्ष और मीडिया को डराने-धमकाने का काम कर रही है, जिससे लोकतंत्र खतरे में है।
इस बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, और अब इसे लेकर संसद में भी चर्चा हो रही है। कई विपक्षी दल राहुल गांधी के बयान के पक्ष में खड़े हुए हैं, जबकि सरकार इसे अस्वीकार कर रही है। मामले के तूल पकड़ने के बाद, राहुल गांधी ने भी अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य लोकतंत्र की रक्षा का था, न कि किसी विशेष सरकार या दल के खिलाफ बयान देना।