पीलीभीत।पूरनपुर विद्युत उपखंड कार्यालय में तैनात कर्मचारियों और बाबुओं के तबादले को लेकर भारी लापरवाही सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार व विद्युत विभाग के एमडी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी कर्मचारी को एक ही पद पर तीन वर्ष से अधिक नहीं रखा जाएगा। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि तीन वर्ष से अधिक अवधि पूरे करने वाले कर्मचारियों का तत्काल स्थानांतरण अनिवार्य रूप से किया जाए। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से पूरनपुर विद्युत उपखंड कार्यालय में इन आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। उपखंडीय लिपिक का समस्त कार्यभार संभाल रहे हर्षित श्रीवास्तव एवं मुरारी लाल सहित कई ऐसे कर्मचारी है, जो तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही कार्यालय में एक ही पद पर जमे हुए हैं। इसके बावजूद उनका तबादला न तो प्रस्तावित किया गया और न ही अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई की गई।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष मंजीत सिंह व अन्नदाता किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गुरविंदर सिंह के अनुसार, वर्षों से एक ही जगह जमे कर्मचारी न केवल कार्य प्रणाली में मनमानी करते हैं, बल्कि इससे भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता है। नियमों का पालन न करने से यह शक और गहरा हो जाता है कि अधिकारी जानबूझकर इन कर्मचारियों को संरक्षण दे रहे हैं।शासन की मंशा स्पष्ट है—लंबे समय तक एक ही पद पर तैनाती से भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ती है, इसलिए समय पर तबादला बेहद जरूरी है। लेकिन पूरनपुर विद्युत डिविजन कार्यालय में इस मंशा को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। भाकियू का कहना है कि यदि ऐसे कर्मचारियों का तत्काल स्थानांतरण नहीं किया गया तो वे उच्च स्तर पर शिकायत दर्ज कराएंगे। कुल मिलाकर, पूरनपुर विद्युत उपखंड कार्यालय में तबादला नीति की अनदेखी ने व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और अधिकारी मनमानी का खुला खेल खेलते दिखाई दे रहे हैं।
अधिशासी अभियंता हरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में बिजली बिल राहत योजना की स्कीम संचालित हो रही है, जिसके चलते किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना पूरी होने तक सभी कर्मचारी यथावत अपने कार्यस्थल पर बनाए रखे जाएंगे। स्कीम समाप्त होते ही नियमों के अनुसार संबंधित कर्मचारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
