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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की बड़ी घोषणा : अब साल में दो बार होगी राजस्थान बोर्ड परीक्षा

कोटा
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 8, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

राजस्थान के विद्यार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा की है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई) अगले शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करेगा। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के प्रावधानों के अनुरूप किया गया है। शनिवार को कोटा के गणेश नगर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था से विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव कम होगा और उन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने का बेहतर अवसर मिलेगा। दिलावर ने बताया कि सभी विद्यार्थियों के लिए पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा। जो विद्यार्थी पास हो जाएंगे, वे अपने तीन विषयों तक में सुधार (इंप्रूवमेंट) के लिए दूसरी परीक्षा में बैठ सकेंगे। वहीं, फेल या पूरक योग्य विद्यार्थी भी अधिकतम तीन विषयों में प्रदर्शन सुधारने का अवसर प्राप्त करेंगे। नई परीक्षा प्रणाली के तहत मुख्य परीक्षा फरवरी-मार्च में आयोजित की जाएगी और इसके परिणाम घोषित होने के बाद उसी शैक्षणिक सत्र में ‘द्वितीय अवसर परीक्षा’ मई-जून में होगी। दोनों परीक्षाएं पूरे सत्र के पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी और अध्ययन व परीक्षा योजना समान रहेगी।

यदि कोई विद्यार्थी पहली परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहता है, तो वह दूसरी परीक्षा में अपने फेल विषयों में सुधार कर सकेगा। हालांकि, यदि विद्यार्थी दूसरी परीक्षा में भी पास नहीं होता, तो उसे “आवश्यक पुनरावृत्ति” श्रेणी में रखा जाएगा और वह केवल अगले वर्ष की मुख्य परीक्षा में ही शामिल हो सकेगा। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि जो विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उन्हें सक्षम अधिकारी या जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र या अन्य वैध प्रमाण प्रस्तुत करने पर ही दूसरी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। दोनों परीक्षाओं के लिए शुल्क समान रहेगा और ‘बेस्ट ऑफ टू अटेम्प्ट्स’ का सिद्धांत लागू किया जाएगा। यानी दोनों प्रयासों में से जिस परीक्षा में विद्यार्थी के अंक अधिक होंगे, वही अंतिम परिणाम में मान्य होंगे।शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था विद्यार्थियों को तनावमुक्त कर उन्हें अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का अवसर देगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि होगी।

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