कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
राजस्थान में झुंझुनू के सेशन कोर्ट ने आज जारी एक आदेश में कहा है कि पिता अपनी ही बेटी को दीवार पर भिड़ाकर उसकी मौत का कारण बना। यह हत्या नहीं बल्कि मानव वध का मामला है। ऐसे अपराध के प्रति सहानुभूति का रुख अपनाना न तो विधि सम्मत है और न ही समाज हित में। यदि हल्की सजा दी जाए तो समाज में न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा। सरकारी वकील रामावतार ढाका ने बताया कि हत्यारे पिता कैलाश चंद निवासी गिरधरपुरा, थाना उदयपुरवाटी झुंझुनू को 7 साल की जेल हुई है। इसके साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। सरकारी वकील ने बताया कि 26 मार्च 2023 को कैलाश की पत्नी कविता के मामा विजयपाल निवासी कैरू थाना नवलगढ़ ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि भांजी कविता और उसकी 15 माह की बेटी ओजस्वी उसके घर आई हुई थी। उसी दिन सुबह करीब साढ़े 10 बजे कविता का पति कैलाशचंद, उसका भाई जीवन और नवीन मोटरसाइकिल से आए। घर पर पहुंचते ही कैलाश ने कविता के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। मामा विजयपाल ने रिपोर्ट में बताया था कि कैलाश ने गाली-गलौज करते हुए कविता से मारपीट की। इस दौरान कविता की गोद में 15 माह की बेटी ओजस्वी थी जिसे कैलाश ने जोर से खींच लिया और दीवार पर भिड़ा दिया। बच्ची के सिर में गंभीर चोट आने के बाद वह बेहोश हो गई। उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कविता और उसके मामा विजयपाल ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने कैलाशचंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सेशन कोर्ट झुंझुनू में कैलाश की पत्नी कविता ने बताया कि उसकी शादी 22 नवंबर 2020 को कैलाश चंद से हुई थी। 17 दिसंबर 2021 को बेटी ओजस्वी का जन्म हुआ था। वह 18 मार्च 2023 को वह अपने मामा विजयपाल के घर कैरू गणगौर त्योहार मनाने आई थी। 26 मार्च की सुबह उसका पति कैलाश दोस्त नवीन और जीजा जीवन के साथ वहां पहुंचा। कैलाश आते ही गालियां देने लगा और मुझे मारने लगा। जब मैंने बेटी को बचाने की कोशिश की तो उसने मेरी गोद से बच्ची छीन ली और दोनों पैर पकड़कर दीवार पर दे मारा। ओजस्वी की वहीं मौत हो गई और मैं बेहोश हो गई थी। कैलाश चंद ने कोर्ट को दिए अपने बयान में कहा था कि यह एक दुर्घटना थी हत्या नहीं। वह अपनी पत्नी को घर ले जाने आया था। दोनों के बीच झगड़ा और छीना-झपटी हुई। इस दौरान बच्ची कविता की गोद से फर्श पर गिर गई और सिर में लगने से उसकी मौत हो गई। कैलाश ने दावा किया था कि उसने खुद बच्ची को हॉस्पिटल पहुंचाया था। अदालत ने माना कि कैलाश का अपनी ही बेटी को जानबूझकर मारने का इरादा नहीं था। लेकिन उसकी हरकत इतनी लापरवाह और क्रूर थी कि इससे बच्ची की मौत हो गई।
