कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन सूर्य ग्रहण भी लगेगा। इस दिन कई शुभ और अशुभ योग बनेंगे, जिन्हें जानना ज्योतिष प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
पंचांग (29 मार्च 2025):
• तिथि: अमावस्या (शनि अमावस्या)
• योग: कई विशेष योग इस दिन बन रहे हैं, जिनका प्रभाव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ सकता है।
• नक्षत्र: मघा नक्षत्र (सूर्य ग्रहण मघा नक्षत्र में होगा)
• राहु काल: राहु काल का समय इस दिन विशेष रूप से सावधानी बरतने के लिए होता है। राहु काल इस दिन विशेष रूप से दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण और इसके प्रभाव:
29 मार्च को सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार सुबह 9:30 बजे से प्रारंभ होगा और दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। सूर्य ग्रहण मघा नक्षत्र में होगा, जो कि राज्यशक्ति, राजनीतिक और धार्मिक शक्ति से जुड़ा हुआ नक्षत्र है। यह ग्रहण विशेष रूप से मेष, कन्या, मकर और कुंभ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जैसा कि पहले उल्लेखित था।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव समाजिक, व्यक्तिगत और मानसिक स्तर पर भी हो सकता है।
शनि अमावस्या के प्रभाव:
शनि अमावस्या के दिन शनि की विशेष पूजा का महत्व होता है, जो कड़ी मेहनत, न्याय और संयम के ग्रह माने जाते हैं। इस दिन विशेष रूप से शनि देव की आराधना करने से शनि के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है और व्यक्तित्व में सुधार लाया जा सकता है।
शुभ-अशुभ योग:
1. सूर्य ग्रहण और शनि का प्रभाव:
• शुभ योग: सूर्य ग्रहण और शनि का संयोजन कुछ राशियों के लिए नई शुरुआत और आत्मनिरीक्षण का अवसर दे सकता है, जैसे कि वृषभ और मिथुन राशि के लोग इससे लाभान्वित हो सकते हैं।
• अशुभ योग: जिन राशियों पर इनका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जैसे कि मेष, कन्या, मकर और कुंभ, उन्हें मानसिक दबाव और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष का सामना हो सकता है।
पूजा विधि:
• शनि अमावस्या पर विशेष रूप से शनि की पूजा की जाती है। शनि के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
• सूर्य ग्रहण के दौरान जल और अन्न का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
यह दिन कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन विशेष उपाय और पूजा से आप ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।