कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। चैत्र नवरात्रि 2025 - चौथा दिन:
चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन देवी कुष्मांडा को समर्पित होता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि देवी कुष्मांडा ब्रह्मांड की रचनाकार मानी जाती हैं और उनका आशीर्वाद जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
पूजा विधि:
1. स्नान और शुद्धता: सबसे पहले पूजा से पूर्व स्नान करके शुद्ध होकर पूजा स्थल पर जाएं।
2. दीपक जलाना: देवी के समक्ष एक दीपक लगाएं, ताकि वातावरण शुद्ध और पवित्र बने।
3. कुष्मांडा देवी का मंत्र: इस दिन विशेष रूप से “ॐ दुं दुर्गायै नम: “ मंत्र का जाप करें।
4. कुंभ या कलश स्थापित करें: देवी के चरणों में जल, फूल, और पत्तियां चढ़ाएं।
5. सही समय पर पूजा: इस दिन विशेष रूप से मध्याह्न काल (12 बजे से 1 बजे तक) में पूजा करना शुभ माना जाता है।
प्रिय भोग:
1. खीर और हलवा: देवी कुष्मांडा को विशेष रूप से खीर, हलवा, और मीठे पकवान अर्पित किए जाते हैं।
2. फलों का भोग: आमतौर पर फल और अन्य शुद्ध वस्तुएं जैसे ताजे फल, सूखे मेवे, और बर्फी अर्पित की जाती हैं।
3. पेटिका: इस दिन विशेष रूप से शुद्ध घी से बने पकवानों का भोग भी लगाया जाता है।
साथ ही ध्यान रखें:
• स्नान करके सफेद या हलके रंग के कपड़े पहनें।
• उपवास रखने से अधिक पुण्य मिलता है, लेकिन यदि उपवास करना कठिन हो तो फलाहार भी किया जा सकता है।
इस दिन का उद्देश्य शक्ति की आराधना है, ताकि जीवन में हर समस्या का समाधान हो सके और देवी के आशीर्वाद से हर कार्य में सफलता मिले।