कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क।जानकी जयंती, जिसे सीता अष्टमी भी कहा जाता है, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष, यह पर्व 21 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। 
इस दिन, विशेष रूप से सीता चालीसा का पाठ करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सीता चालीसा में 40 श्लोक होते हैं, जो माता सीता की महिमा का वर्णन करते हैं। इन श्लोकों का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इसके अतिरिक्त, जानकी स्तोत्र और जानकी स्तुति का पाठ भी लाभकारी माना जाता है। इन स्तोत्रों का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। 
जानकी जयंती के दिन, माता सीता और भगवान राम की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए। इससे घर-परिवार में सुख-शांति और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। 
इस दिन, विशेष रूप से सीता चालीसा का पाठ करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सीता चालीसा में 40 श्लोक होते हैं, जो माता सीता की महिमा का वर्णन करते हैं। इन श्लोकों का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इस दिन, विशेष रूप से सीता चालीसा का पाठ करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सीता चालीसा में 40 श्लोक होते हैं, जो माता सीता की महिमा का वर्णन करते हैं। इन श्लोकों का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इस दिन, विशेष रूप से सीता चालीसा का पाठ करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सीता चालीसा में 40 श्लोक होते हैं, जो माता सीता की महिमा का वर्णन करते हैं। इन श्लोकों का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।