कैनविज टाइम्स, धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन, वैभव, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सप्ताह का शुक्रवार विशेष रूप से शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त शुक्रवार के दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनका ध्यान करते हुए स्तोत्र का पाठ करते हैं, उन पर देवी की विशेष कृपा बरसती है।
शुक्रवार के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन घर को स्वच्छ और सुगंधित बनाना चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी को स्वच्छता अत्यंत प्रिय है। सुबह स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र पर पीले या गुलाबी पुष्प अर्पित करें। इसके बाद दीपक जलाकर श्री लक्ष्मी अष्टकम् या श्री सूक्तम् का पाठ करें।
श्री लक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र का महत्व:
‘श्री लक्ष्मी अष्टकम्’ एक शक्तिशाली स्तोत्र है जिसे पढ़ने से जीवन में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है। यह स्तोत्र मां लक्ष्मी के गुणों का वर्णन करता है और उन्हें प्रसन्न करने का श्रेष्ठ साधन माना जाता है।
श्री लक्ष्मी अष्टकम् का प्रारंभिक श्लोक:
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदा हस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
इस श्लोक का अर्थ है —
हे महामाया, हे श्रीपीठ की अधिष्ठात्री, जिनकी पूजा देवता भी करते हैं, जिनके हाथों में शंख, चक्र और गदा सुशोभित हैं, ऐसी मां महालक्ष्मी को बारंबार नमस्कार है।