कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना पर सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि इस योजना के नाम पर कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल स्लोगन तक ही सीमित रही और इसके तहत कोई वास्तविक सुधार देखने को नहीं मिला। खरगे ने दावा किया कि अगर सरकार सच्चे अर्थों में इस योजना को प्रभावी बनाती, तो देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भेदभाव में कमी आती।
मल्लिकार्जुन खरगे का बयान:
खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षा के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन इस योजना से वास्तविक बदलाव नहीं हुआ। उनका कहना था कि महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया और इसके बजाय महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई है। खरगे ने सवाल किया कि जब इतनी बड़ी योजना बनाई गई, तो इसके परिणाम क्यों नहीं दिख रहे हैं?
सरकार का जवाब:
सरकार ने खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना ने देश में महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने दावा किया कि इस योजना के तहत महिलाओं को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष अवसर दिए गए हैं और बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने में मदद मिली है। इसके अलावा, महिला सुरक्षा के लिए कई राज्य सरकारों ने अपनी योजनाओं को और सशक्त किया है।
सरकार का कहना है कि इस योजना के लागू होने के बाद, बालिका लिंग अनुपात में सुधार हुआ है और महिलाओं की शिक्षा में भी वृद्धि देखी गई है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई है, हालांकि ये मुद्दे अभी भी चिंताजनक हैं।