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Pradosh Vrat 2025: इस चालीसा के पाठ से महादेव को करें प्रसन्न, खूब बढ़ेगा कारोबार

धर्म
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: February 25, 2025

कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। फरवरी 2025 में दूसरा प्रदोष व्रत 25 फरवरी, मंगलवार को पड़ रहा है, जिसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

प्रदोष व्रत का महत्व:

प्रदोष व्रत को करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और मानसिक शांति मिलती है। यह व्रत विशेष रूप से आर्थिक समस्याओं, विवाह में देरी, संतान प्राप्ति की इच्छा, और जीवन में शांति की कामना रखने वालों के लिए लाभकारी माना जाता है।

प्रदोष व्रत की विधि:
    1.    व्रत का संकल्प: प्रदोष व्रत का संकल्प लेकर दिनभर उपवास रखें।
    2.    शाम की पूजा: संध्या समय में भगवान शिव की पूजा करें।
    3.    चालीसा का पाठ: भगवान शिव की चालीसा का पाठ करें।
    4.    आरती: पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

प्रदोष व्रत के लाभ:
    •    पापों का नाश: इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है।  
    •    आर्थिक समृद्धि: व्रत से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है और समृद्धि मिलती है।
    •    परिवार में शांति: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
    •    संतान सुख: संतान सुख की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत के चालीसा का महत्व:

भगवान शिव की चालीसा का पाठ करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और कारोबार में वृद्धि होती है। यह चालीसा भगवान शिव की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत के चालीसा का पाठ:

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह चालीसा भगवान शिव की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

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