कैनविज टाइम्स, धर्म डेस्क । हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत इस बार शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को पड़ रहा है। शुक्रवार को पड़ने के कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।
इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की विधिपूर्वक आराधना करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और सुख-शांति आती है। खासकर विवाहित स्त्रियाँ इस दिन व्रत रखकर पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
शाम 6:50 बजे से रात 9:11 बजे तक
इस व्रत में भगवान शिव की पूजा के अंत में आरती करना विशेष फलदायी माना गया है। यहाँ एक विशेष शिव आरती दी गई है जिसे जरूर करें:
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ॐ जय शिव ओंकारा आरती
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा॥