कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। शनि अमावस्या, जो इस वर्ष 29 मार्च 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी, विशेष रूप से पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से पितृ दोष से छुटकारा पाने में सहायता मिल सकती है।
शनि अमावस्या के दिन दीपक जलाने के स्थान:
1. पीपल के पेड़ के नीचे: पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से शनि दोष और पितृ दोष दोनों से मुक्ति मिलती है।
2. घर के मुख्य द्वार पर: मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पितृ दोष से राहत मिलती है।
3. घर के पूजा स्थान में: पूजा स्थान में दीपक जलाने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और पितृ संतुष्ट होते हैं।
4. स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए: घर के प्रत्येक कमरे में दीपक जलाने से समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।
पितृ दोष शांति के लिए अन्य उपाय:
• तर्पण और दान: शनि अमावस्या के दिन तर्पण और दान करने से पितृ दोष शांत होता है।
• पितृ पूजन: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा विधि का पालन करें।
पितृ दोष शांति मंत्र:
• ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा
• ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्
• ऊं नमो भगवते वासुदेवाय पितृ दोष निवारणाय स्वाहा 
• ऊं पितृ देवतायै नमः