कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। 29 मार्च 2025 से शनि देव का गोचर (Shani Gochar) होने जा रहा है, जो कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। शनि की ढैय्या (Shani Dhania) का प्रभाव खासतौर पर उन राशियों पर पड़ेगा, जिनका शनि के साथ संयोग होता है। शनि की ढैय्या आमतौर पर 2.5 साल तक रहती है और इसके दौरान व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
किन राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या?
1. मिथुन राशि (Gemini):
शनि का गोचर मिथुन राशि के लिए ढैय्या ला सकता है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में समस्याएं हो सकती हैं, खासकर करियर और वित्तीय मामलों में। स्वास्थ्य पर भी असर देखने को मिल सकता है।
2. तुला राशि (Libra):
शनि की ढैय्या तुला राशि वालों के लिए भी शुरू होगी। इस समय पर मानसिक तनाव, पारिवारिक समस्याएं, और आर्थिक दिक्कतें हो सकती हैं। यह समय आत्मनिरीक्षण और संयम रखने का है।
राहत के लिए करें ये उपाय:
1. शनि व्रत और पूजा:
शनिवार के दिन व्रत रखें और शनि देव की पूजा करें। उनका ध्यान करें और “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें। शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को तेल और काले तिल चढ़ाने से शांति मिल सकती है।
2. काले वस्त्र पहनें:
शनि के प्रभाव को कम करने के लिए काले वस्त्र पहनना लाभकारी हो सकता है। यह शनि के अशुभ प्रभावों को शांत करने में मदद करता है।
3. नीलम रत्न पहनें:
शनि की ढैय्या के दौरान नीलम रत्न पहनने से शनि के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है, लेकिन इसे पहनने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है।
4. भैरव पूजा:
शनि देव के साथ-साथ भैरव बाबा की पूजा भी की जा सकती है। भैरव पूजा करने से शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में संतुलन बना रहता है।
5. दीन-दुखियों की मदद करें:
शनि के शुभ प्रभाव के लिए गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी महत्वपूर्ण है। इसे धार्मिक दृष्टि से पुण्य का काम माना जाता है, जो शनि की कृपा प्राप्त करने का एक तरीका है।
6. गोधूलि बेला में तंत्र-मंत्र का जाप:
गोधूलि बेला यानी सूर्यास्त के समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें, इससे शनि के दुष्प्रभावों से राहत मिल सकती है।