कैनविज टाइम्स,स्पोर्ट्स डेस्क। भारत के प्रसिद्ध ओलंपिक पहलवान सुशील कुमार को हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने नियमित जमानत दे दी। यह जमानत उनके द्वारा सागर धनखड़ हत्याकांड के मामले में दायर की गई याचिका पर दी गई, जिसमें वे लंबे समय से जेल में बंद थे। इस फैसले के बाद, सुशील कुमार को जेल से बाहर आने का मौका मिला है।
सागर धनखड़ हत्याकांड: मामला क्या था?
सुशील कुमार का नाम तब सुर्खियों में आया जब 2021 में सागर धनखड़ नामक एक युवक की हत्या कर दी गई थी। सागर धनखड़ एक युवा पहलवान था और दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में सुशील कुमार के साथ प्रशिक्षण लेता था। पुलिस के अनुसार, सुशील कुमार और सागर धनखड़ के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद सुशील कुमार और उसके साथी आरोपियों ने सागर की बेरहमी से पिटाई की, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
यह मामला तब और गंभीर हो गया था जब यह आरोप भी लगाया गया कि सुशील कुमार ने एक साजिश के तहत सागर को मारने की योजना बनाई थी। इस घटना के बाद, सुशील कुमार को 2021 में गिरफ्तार कर लिया गया और वह लंबे समय तक जेल में बंद रहे।
जमानत का आदेश: अदालत का फैसला
दिल्ली की अदालत ने सुशील कुमार को नियमित जमानत दी, जिसके तहत उन्हें सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में जमानत पर रिहा किया गया। अदालत ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि सुशील कुमार के खिलाफ आरोपों का परीक्षण होना बाकी है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए उन्हें जमानत दी जा सकती है। अदालत ने यह भी कहा कि सुशील कुमार ने कोर्ट के समक्ष अपना पूरा सहयोग दिया है और मामले की सुनवाई में भाग लिया है, जिसके आधार पर उन्हें जमानत दी गई।
क्या जमानत मिलने के बाद सुशील कुमार का भविष्य क्या होगा?
सुशील कुमार को जमानत मिलने के बाद उनके भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, जमानत मिलने से उनकी जेल से रिहाई हो गई है, लेकिन इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का अभी पूरा पालन होना बाकी है। इस समय तक मामले में जांच और सुनवाई चल रही है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि अदालत अगले कदम के रूप में क्या फैसला लेगी।
सुशील कुमार के जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें अपनी सजा का सामना करना होगा, यदि अदालत उनके खिलाफ सजा सुनाती है। इस मामले में आगे और कानूनी प्रक्रियाएं चलेंगी, और अगर सुशील कुमार दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें गंभीर सजा हो सकती है।
सुशील कुमार का पहलवानी करियर
सुशील कुमार भारतीय पहलवानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहे हैं। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया था। उनके योगदान को खेल जगत में बड़े पैमाने पर सराहा गया है। हालांकि, इस हत्याकांड में उनका नाम आने के बाद उनके करियर को गहरी चोट पहुंची है। सुशील कुमार पर लगे आरोपों ने उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुँचाया, और वे लंबे समय तक जेल में रहने के कारण किसी भी बड़े प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाए।