कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और अन्य चार बैंकों के बाद, अब सार्वजनिक क्षेत्र का एक और प्रमुख बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने अपनी रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती की है। नई दरें 12 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गई हैं।
नई ब्याज दरों का ऐलान
इंडियन ओवरसीज बैंक ने शनिवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि उसने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की कटौती की है। इसके बाद, बैंक का रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट मौजूदा 9.10 फीसदी से घटकर 8.85 फीसदी हो गया है। इसका मतलब है कि अब से बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई कम हो जाएगी और उन्हें कम ब्याज का भुगतान करना होगा।
कैसे मिलेगा लाभ?
इस कटौती का लाभ उन ग्राहकों को होगा जो रेपो रेट से जुड़े कर्ज लेते हैं। ऐसे में कर्ज लेने वालों को कम ब्याज दर का फायदा मिलेगा, और उनकी मासिक किस्त (EMI) में कमी आएगी। यह निर्णय बैंक के परिसंपत्ति देयता प्रबंधन समिति द्वारा 11 अप्रैल को आयोजित बैठक में लिया गया था, जिसमें ग्राहकों को रेपो दर में कटौती का लाभ देने पर सहमति बनी थी।
आरबीआई की मौद्रिक नीति और बैंकों की प्रतिक्रिया
यह कदम तब उठाया गया है जब हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट को 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया था। इसके बाद, इंडियन ओवरसीज बैंक सहित कई बैंकों ने अपने कर्ज पर ब्याज दरें घटाईं, जिससे ग्राहकों को राहत मिली है। बैंक के बयान के अनुसार, इस कदम से ग्राहकों को तुरंत लाभ मिलने की उम्मीद है, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे लोन लेना और सस्ता हो जाएगा, जो व्यवसायों और व्यक्तिगत कर्ज लेने वालों के लिए सहायक होगा।