कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में इटावा के पीड़ित यादव कथावाचकों को सम्मानित किया। इन कथावाचकों में मुकुट मणि यादव और संत यादव प्रमुख रूप से शामिल रहे, जिन्हें हाल ही में इटावा के दांदरपुर गांव में कथावाचन करने से रोका गया था और उनके साथ मारपीट कर जबरन मुंडन कर दिया गया था। इस अमानवीय घटना की चौतरफा निंदा हो रही है। अखिलेश यादव ने इन कथावाचकों को 21-21 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी। उन्होंने कहा अगर सच्चे कृष्ण भक्तों को भागवत कथा कहने से रोका जाएगा, तो ये अपमान क्यों सहेगा कोई? ये देश सबका है और हर किसी को अपनी आस्था के अनुसार जीने और बोलने का अधिकार है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ तत्व पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के लोगों को लगातार डराने, धमकाने और अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले अगर पीडीए समाज का कोई व्यक्ति मंदिर चला जाता था, तो उसे गंगाजल से धोया जाता था। अब खुलेआम लोगों का मुंडन करवा रहे हैं। ऐसे लोगों का प्रभुत्वशाली होना लोकतंत्र के लिए खतरा है।अखिलेश यादव ने यह भी मांग की कि सरकार को कथावाचन के लिए एक समान अवसर देने वाला कानून लाना चाहिए, ताकि किसी भी व्यक्ति को धार्मिक प्रवचन या भागवत कथा कहने से रोका न जा सके। हम इटावा के दांदरपुर गांव में कथा कहने गए थे, तभी कुछ लोगों ने हम पर हमला किया। हमारा सिर मुंडवा दिया गया, चेन और अन्य सामान छीन लिया गया। हमें अपमानित किया गया सिर्फ इसलिए क्योंकि हम यादव हैं। इस पूरे प्रकरण को लेकर सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि ये सब कुछ सरकार की शह पर हो रहा है। यदि कृष्ण के भक्तों को रोका गया तो ये देश संतों और श्रद्धा का अपमान करेगा।