कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों से संबंध रखने वाले तीन सरकारी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में जम्मू-कश्मीर पुलिस का कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर, सरकारी स्कूल का शिक्षक एजाज अहमद और श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तैनात वसीम अहमद खान शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, मलिक इश्फाक नसीर लश्कर-ए-तैयबा का ओवरग्राउंड वर्कर था। वह 2007 में पुलिस में भर्ती हुआ था, लेकिन सेवा में रहते हुए भी आतंकी संगठन के लिए काम करता रहा। उसका भाई मलिक आसिफ नसीर पाकिस्तान में लश्कर से प्रशिक्षण लेकर आतंकी बना था और 2018 में मारा गया था। एलजी कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन कर्मचारियों ने सरकारी तंत्र की आड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया और आतंकी संगठनों की मदद की। इस कार्रवाई को व्हाइट कॉलर आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। उपराज्यपाल का यह निर्णय राज्य प्रशासन में मौजूद आतंक के सहयोगियों के खिलाफ सख्ती का संकेत है। प्रशासन का कहना है कि इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।