कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि चंडीगढ़ मेयर का चुनाव अब पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगा। इस चुनाव की निगरानी एक स्वतंत्र ऑब्जर्वर द्वारा की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की धांधली या गड़बड़ी से बचा जा सके। साथ ही, चुनाव की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी, ताकि चुनाव की हर एक गतिविधि का रिकॉर्ड रखा जा सके और बाद में किसी प्रकार के विवाद की स्थिति से बचा जा सके।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में सभी विधिक और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन किया जाए। चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए, राज्य चुनाव आयोग के साथ मिलकर एक स्वतंत्र ऑब्जर्वर को नियुक्त किया जाएगा। यह कदम चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
विडियोग्राफी का महत्व: सुप्रीम कोर्ट ने वीडियोग्राफी को अनिवार्य बनाने का आदेश दिया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया के हर चरण का रिकॉर्ड रखा जा सके। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार के गलत व्यवहार, गड़बड़ी या अव्यवस्था की स्थिति में प्रमाण मौजूद रहेगा। वीडियोग्राफी से संबंधित हर पहलू को रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद का समाधान आसानी से किया जा सकेगा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का महत्व: चंडीगढ़ का मेयर चुनाव केवल स्थानीय राजनीति में नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कड़ा मुकाबला होता है, और यह निर्णय चंडीगढ़ नगर निगम के प्रशासनिक ढांचे पर गहरा असर डालता है। मेयर चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर अक्सर विवाद उठते रहे हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है।