कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला है। ओवैसी ने ताहिर हुसैन को आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा टिकट दिए जाने पर अपनी नाराजगी जताई और इसे लेकर केजरीवाल की नीतियों पर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि ताहिर हुसैन को पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने से उन्हें "पेट में दर्द" हुआ। यह बयान ओवैसी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिया, जो दिल्ली की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर सकता है।
1. ताहिर हुसैन और दिल्ली दंगे:
ताहिर हुसैन को लेकर विवाद की जड़ दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में है। हुसैन, जो उस समय आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता थे, पर दिल्ली हिंसा में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे थे। उन्हें इस हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई। उनके खिलाफ अब भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP ने हमेशा ताहिर हुसैन का समर्थन किया है और उन्हें पार्टी से निष्कासित नहीं किया। इसी कारण ओवैसी ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कदम एक शर्मनाक उदाहरण है।
2. ओवैसी का बयान:
ओवैसी ने कहा कि भारत में सब समाज की लीडरशिप बन सकती है, लेकिन मुस्लिम की लीडरशिप को बर्दाश्त नहीं कर सकते। ऐसा कहा जाता है अगर तुम जिंदा हो तो हमारी वजह से। यह फैसला मुसलमानों को करना है कि वो कब तक ऐसी पार्टियों को वोट करेंगे, जो BJP को रोक नहीं पाते? एक ही समाज BJP के खिलाफ वोट डाल रही है, वो मुस्लिम है। हम दुनिया में क्या इसलिए पैदा हुए कि तुमको जिताएं, तुमको कामयाब बनाएं। AIMIM प्रमुख ने इस दौरान यह भी कहा कि केजरीवाल सबसे बड़े फिरकापरस्त हैं। वह मेरे साथ मुस्तफाबाद आएं और बताएं कि कहां स्कूल बना? उन्होंने अपना घर तो आलिशान बना लिया, लेकिन मुस्तफाबाद को क्या दिया? वह कुरआन की बेअदबी करने वाले को टिकट दे रहे हैं। दिल्ली वक्फ बोर्ड नहीं बनाया। केजरीवाल कहते हैं, मैं ये दे दूंगा, वो दे दूंगा। यह केजरीवाल के अब्बा का पैसा नहीं है, यह सरकार का पैसा है।ओवैसी ने कहा कि जब उन्होंने सुना कि ताहिर हुसैन को AAP ने टिकट दिया है, तो उन्हें "पेट में दर्द" हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अगर केजरीवाल ऐसे लोगों को अपनी पार्टी में जगह दे रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि उनकी पार्टी के उद्देश्य में कोई स्पष्टता नहीं है। ओवैसी का आरोप था कि AAP का यह कदम दिल्ली की जनता के प्रति विश्वासघात है, क्योंकि ताहिर हुसैन जैसे लोगों को चुनावी मैदान में उतारने से यह साबित होता है कि पार्टी ने अपने सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है।
3. केजरीवाल पर हमला:
ओवैसी ने केजरीवाल की नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि वे सिर्फ सत्ता के लिए किसी भी व्यक्ति को समर्थन देने में पीछे नहीं हटते, चाहे वह व्यक्ति अपराधी हो या विवादित। ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल का यह कदम बीजेपी की तर्ज पर राजनीति करना है, जो लोगों को विभाजित करने के लिए ऐसे व्यक्तियों का इस्तेमाल करती है।ताहिर हुसैन को टिकट देने के बाद AAP ने यह स्पष्ट किया है कि हुसैन को पार्टी से बाहर नहीं किया जाएगा, क्योंकि उनके खिलाफ कोर्ट से कोई दोषी ठहराए जाने वाली बात सामने नहीं आई है। पार्टी ने यह भी कहा कि हुसैन के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनका निष्कर्ष अदालत द्वारा तय किया जाएगा। AAP के नेताओं ने दावा किया कि वे किसी को भी न्यायिक प्रक्रिया से पहले दोषी नहीं मान सकते, और इसलिए हुसैन को पार्टी में रखने का उनका निर्णय सही था।
4. दिल्ली चुनाव पर प्रभाव:
यह विवाद दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर AAP के खिलाफ विपक्षी पार्टियां इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर सकती हैं। ओवैसी के बयान ने पार्टी के अंदर और बाहर विवादों को जन्म दिया है, और यह देखने वाली बात होगी कि इस पर आने वाले समय में AAP और अन्य राजनीतिक दल किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं। ओवैसी का बयान दिल्ली की राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना सकता है। ताहिर हुसैन को टिकट देने के बाद केजरीवाल और AAP पर उठे सवाल अब और तीव्र हो गए हैं। ओवैसी ने यह स्पष्ट किया कि इस फैसले से उनकी नाराजगी सिर्फ पार्टी की नीतियों से नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता के प्रति उनके आस्थाओं से भी जुड़ी है। यह विवाद आगामी चुनावों में और अधिक रंग पकड़ सकता है।