कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट्स में खाने के बिल के साथ सर्विस चार्ज लगाने पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि रेस्टोरेंट्स अब बिल के साथ सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते। कोर्ट ने इसे उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन माना और रेस्टोरेंट्स को यह आदेश दिया कि वे ग्राहकों से सर्विस चार्ज की वसूली नहीं कर सकते हैं, जब तक ग्राहक इसकी सहमति न दें।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब लगातार उपभोक्ता संगठन और सोशल मीडिया पर यह मुद्दा गर्माया हुआ था। कई बार ग्राहकों ने शिकायत की थी कि उन्हें बिना किसी जानकारी के सर्विस चार्ज का भुगतान करना पड़ता था, जो उनके लिए अनावश्यक और अनुचित था।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सर्विस चार्ज को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता, और यदि रेस्टोरेंट्स इसे चार्ज करना चाहते हैं, तो यह पूरी तरह से ग्राहकों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा। ग्राहकों को इसे लेने या न लेने का अधिकार होगा।
यह फैसला उपभोक्ताओं के हित में एक अहम कदम है, क्योंकि इससे उनके लिए पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और रेस्टोरेंट्स पर दबाव भी बनेगा कि वे केवल वही शुल्क लें, जिसे ग्राहक स्वीकार करें। अब, सर्विस चार्ज को लेकर उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का भ्रम नहीं रहेगा और वे अपने अनुभव के हिसाब से अधिक निर्णय लेने में सक्षम होंगे।