कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। राजद (Rashtriya Janata Dal) और मुस्लिम संगठनों ने हाल ही में संसद द्वारा पारित किए गए नए वक्फ कानून के खिलाफ विरोध करने का ऐलान किया है। उनका आरोप है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर अनावश्यक नियंत्रण स्थापित करता है।
नए वक्फ कानून का क्या है विरोध?
नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों की देखरेख और प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा नियुक्त की जाने वाली एक केंद्रीय वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है। मुस्लिम संगठन और राजद यह मानते हैं कि इस कानून से वक्फ संपत्तियों का नियंत्रण सरकार के हाथों में चला जाएगा, जो उनके धार्मिक अधिकारों पर हमला है। उनका कहना है कि इस कानून के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के उपयोग पर मुस्लिम समुदाय का अधिकार सीमित हो सकता है और उनके लिए यह एक प्रकार का धर्मनिरपेक्ष हस्तक्षेप होगा।
राजद का कदम:
राजद के नेता इस कानून को धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। पार्टी का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर पूरी तरह से सरकारी नियंत्रण स्थापित करना है। राजद के नेता और मुस्लिम संगठनों का मानना है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन मुस्लिम समुदाय को सौंपा जाना चाहिए, न कि सरकारी संस्थाओं को।
मुस्लिम संगठनों का विरोध:
मुस्लिम संगठनों ने इस कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। इन संगठनों का कहना है कि इस कानून के माध्यम से मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। संगठन इसे एक “धार्मिक आज़ादी पर हमला” मानते हैं और इसके विरोध में सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के आयोजन:
इन संगठनों ने विरोध प्रदर्शन के लिए विभिन्न स्थानों पर रैलियाँ और धरने आयोजित करने की योजना बनाई है। विरोध का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार को यह संदेश देना है कि इस कानून को वापस लिया जाए या इसमें आवश्यक संशोधन किए जाएं, ताकि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन मुस्लिम समुदाय के हाथों में बने रहे।