कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। कैश फॉर जॉब मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्हें दोबारा मंत्री बनने से जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं होता है। बालाजी ने यह दलील सुप्रीम कोर्ट में दी।
सुनवाई के दौरान, बालाजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 26 सितंबर 2024 को जमानत दी थी। उन्होंने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने राजनीतिक विरोधियों की शह पर यह याचिका दायर की है। बालाजी ने यह भी बताया कि याचिका में यह नहीं बताया गया है कि उन्होंने जमानत की किन शर्तों का उल्लंघन किया है।
यह याचिका ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता विद्या कुमार ने दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि बालाजी को जमानत मिलने के तुरंत बाद उन्हें मंत्री बना दिया गया, जिससे गवाहों पर दबाव बन सकता है और वे अपनी गवाही से मुकर सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जमानत के आदेश को वापस नहीं लेगा क्योंकि इससे दूसरे लोगों को भी नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने कहा था कि वह इस दलील पर विचार करेगा जिसमें यह आशंका जताई गई थी कि जमानत देने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं।
बालाजी को 14 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया था और 12 अगस्त 2023 को उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। बालाजी पर तमिलनाडु राज्य परिवहन विभाग में बस कंडक्टर, ड्राइवरों और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं के आरोप हैं, जो 2011 और 2015 के बीच उनके परिवहन मंत्री के कार्यकाल में हुई थीं।