कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राजधानी में आयोजित ‘द वीक डिफेंस कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर और स्पेस डोमेन तेजी से नए युद्धक्षेत्र के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में युद्ध और संघर्ष अधिक हिंसक, अप्रत्याशित और तकनीकी रूप से अत्यधिक जटिल होंगे। साथ ही, वैश्विक स्तर पर नैरेटिव और परसेप्शन युद्ध भी एक नई चुनौती बनकर उभरे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है और सरकार आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया है, जो सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रतिबद्धता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों की रक्षा नीति मुख्य रूप से आयात पर निर्भर थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस सोच को बदलते हुए स्वदेशी रक्षा औद्योगिक परिसर खड़ा करने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने कहा कि ‘फोर्स फॉर दि फ्यूचर’ की सोच के तहत भारत अब न केवल अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, बल्कि रक्षा निर्यात में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में जहां देश का घरेलू रक्षा उत्पादन लगभग ₹40,000 करोड़ था, वहीं अब यह बढ़कर ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इस साल सरकार का लक्ष्य इसे ₹1.60 लाख करोड़ और 2029 तक ₹3 लाख करोड़ तक ले जाने का है।
आज भारत स्वदेशी तकनीक के आधार पर मिसाइल, सबमरीन, एयरक्राफ्ट कैरियर, ड्रोन, साइबर डिफेंस और हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और दुनिया के विकसित देशों को कड़ी टक्कर दे रहा है।