कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के ब्राजील दौरे से जुड़े इस अनुभव से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी कृषि प्रणाली को और अधिक आधुनिक, टिकाऊ और उत्पादक बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। ब्राजील की मैकेनाइज्ड खेती, सटीक सिंचाई प्रणाली (प्रिसिजन इरिगेशन) और सोया तेल प्रसंस्करण तकनीकों से प्राप्त ज्ञान भारतीय कृषि को कई स्तरों पर सशक्त बना सकता है।
- मैकेनाइज्ड खेती: ब्राजील में टमाटर और मक्के की खेती में पूर्ण मशीन आधारित प्रणाली का उपयोग हो रहा है, जिससे श्रम की लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।
- सटीक सिंचाई प्रणाली: पौधों को जरूरत के अनुसार पानी देकर जल की बचत की जा रही है – यह भारत जैसे जल-संकट वाले देश के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है।
- सोयाबीन उत्पादन और तकनीक: उन्नत रिसर्च और आधुनिक प्रोसेसिंग संयंत्र से जुड़ी जानकारी भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नई दिशा दे सकती है।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ब्राजील को वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में आमंत्रित कर कृषि तकनीकों और नवाचारों के आदान-प्रदान की संभावनाएं भी बढ़ीं हैं।
- अगर भारत इन अनुभवों को नीतिगत स्तर पर लागू करता है, तो इससे किसानों की आय बढ़ाने, जल संरक्षण, और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार सृजन की नई संभावनाएं खुल सकती हैं।