कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR प्रक्रिया) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस बार विरोध किसी विपक्षी दल से नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के सांसद की ओर से आया है। बांका से सांसद गिरधारी यादव ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोलते हुए SIR प्रक्रिया को अव्यावहारिक और आम जनता के लिए परेशान करने वाला बताया है। गिरधारी यादव ने कहा, चुनाव आयोग को बिहार के इतिहास और भूगोल की कोई जानकारी नहीं है। उसे व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है, वह एक महीने में दस्तखत कैसे कर देगा? मुझे खुद अपने दस्तावेज इकट्ठा करने में 10 दिन लग गए। प्रवासी लोगों के लिए यह प्रक्रिया बहुत कठिन है।उन्होंने आगे कहा, यह प्रक्रिया हम पर जबरन थोपी गई है। इसके लिए कम से कम छह महीने का समय मिलना चाहिए था। मैं पार्टी की लाइन नहीं, बल्कि अपनी निजी राय रख रहा हूं। अगर मैं सच नहीं बोल सकता, तो फिर सांसद बनने का क्या मतलब है?
कौन हैं गिरधारी यादव?
गिरधारी यादव बिहार के कद्दावर नेता हैं और वर्तमान में जेडीयू के सांसद हैं। वे बांका लोकसभा सीट से सांसद हैं और 1996, 2004, 2019 सहित चार बार लोकसभा और चार बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी और फिर जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और अंततः जेडीयू में शामिल हुए। भागलपुर विश्वविद्यालय से पढ़े गिरधारी यादव वित्त संबंधी स्थायी समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। 2010 में उन्होंने आरजेडी छोड़कर जेडीयू का दामन थामा और बेलहर से विधायक बने।उनका यह बयान न सिर्फ SIR प्रक्रिया को लेकर बहस छेड़ रहा है, बल्कि सत्तारूढ़ दल में मतभेद की आहट भी दे रहा है।