कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
नेपाल में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के लगातार दूसरे दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा 'ओली' ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट पर कब्जा कर लिया है और कई मंत्रियों के घरों पर आगजनी की गई। पीएम ओली के इस्तीफे के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है। ओली ने राष्ट्रपति को लिखा, "देश में व्याप्त वर्तमान असामान्य स्थिति को देखते हुए मैंने संविधान के अनुच्छेद 77 (1) (ए) के अनुसार प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि संविधान के अनुसार राजनीतिक समाधान और समस्या समाधान की दिशा में कदम उठाया जा सके। प्रदर्शनकारियों ने आज काठमांडू में ओली के निजी आवास समेत प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन में जमकर तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। नेपाली कांग्रेस के मुख्यालय समेत कई नेताओं के आवास पर भी पथराव और तोड़फोड़ किए जाने की खबर है। काठमांडू में भैसपति स्थित मंत्रियों के आवास पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की। मंत्रियों को फंसा देख नेपाली सेना का हेलीकॉप्टर आवास पर पहुंचा और कई मंत्रियों को आवास से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। प्रदर्शन के बाद उत्पन्न परिस्थितियों में अभी तक 6 मंत्रियों समेत 21 से अधिक सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारी संसद भंग करने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि नेपाल के उपप्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल को प्रदर्शनकारी काठमांडू की सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी पौडेल को एक गली में घेर लेते हैं और पीट रहे हैं। दरअसल, ओली सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वाट्सऐप, रेडिट, एक्स समेत 26 सोशल मीडिया ऐप्स प्रतिबंधित कर दिए थे। इसके विरोध में सोमवार को जेन-जेड प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों के संसद भवन परिसर में घुसने पर पुलिस को गोलीबारी के आदेश दिए गए, जिसमें 20 की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए। इसके बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए।
