बीकेटी,लखनऊ
बिजली के निजीकरण के खिलाफ किसान मजदूर संगठनों के राज्य व्यापी आवाहन पर बुधवार को बख्शी का तालाब तहसील परिसर में ऐक्टू और किसान महासभा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र तहसीलदार विजय कुमार सिंह को सौंपा।इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए कुमार मधुसूदन मगन ने कहा कि निजीकरण से न केवल बिजली महंगी होगी बल्कि बिजली कर्मचारियों के रोजगार पर गहरा खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण के चलते समाज में आर्थिक सामाजिक विषमता पैदा होगी।किसान नेता छोटे लाल रावत ने कहा कि किसानों मजदूरों पर भाजपा और आरएसएस का चौतरफा हमला है।इसके खिलाफ हम सबको एकजुट होकर संघर्ष में उतरना होगा।ऐपवा नेत्री कमला गौतम ने कहा कि बिजली के निजीकरण से महिलाओं के ऊपर भी संकट बढ़ेगा। मंहगाई बढ़ने से रसोई का खर्च बढ़ेगा,इसलिए इस लड़ाई में महिलाओं को बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी करनी होगी।ज्ञापन में प्रमुख रूप से बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने,पंजाब सरकार की तर्ज पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने,बिजली विभाग में कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति किया जाए,संविदा कर्मियों को नियमित करने,चुनावी वायदा के अनुसार ट्यूब वेल कनेक्शन पर बिजली मुफ्त देने।स्मार्ट मीटर योजना रद्द करने, बिजली उत्पादन के लिए कोयला के आयात पर रोक लगाने,बिजली के रख रखाव के लिए जनता पर शुल्क लगाने पर रोक तथा अवैध रूप से वसूले गए 21725 करोड़ रुपए की वापसी की मांग की गई।