कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। महाराष्ट्र के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में से एक, धनंजय मुंडे, जिनका राजनीतिक जीवन हमेशा सुर्खियों में रहा है, अब एक नए विवाद का हिस्सा बन गए हैं। हाल ही में सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड से जुड़ी एक घटनाओं ने उनकी राजनीतिक स्थिति को गहरे संकट में डाल दिया है। इस मामले के बाद से ही उनकी कुर्सी को लेकर सवाल उठने लगे हैं, और अंततः उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
हत्याकांड की शुरुआत
यह मामला उस समय चर्चा में आया जब 2022 में महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के सरपंच, संतोष देशमुख, की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे कई अज्ञात कारण थे, और जल्द ही इस मामले में धनंजय मुंडे का नाम सामने आया। देशमुख के परिवार के कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि धनंजय मुंडे का परिवार इस हत्या के पीछे था, जिसका कारण राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या अन्य व्यक्तिगत मुद्दे हो सकते थे।
हालांकि धनंजय मुंडे ने इस आरोप से इनकार किया, लेकिन जांच के दौरान कई संकेतों ने उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। मामले की गंभीरता बढ़ने के बाद, जांच एजेंसियों ने इस केस को त्वरित गति से आगे बढ़ाया, और राजनीतिक दवाब के कारण धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
धनंजय मुंडे का राजनीतिक सफर
धनंजय मुंडे का राजनीतिक करियर काफी उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। वे एक समय में महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और उनकी पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष (NCP), का अहम हिस्सा रहे थे। मुंडे को समाज के विभिन्न वर्गों के लिए उनकी कार्यशैली और सक्रियता के लिए पहचाना जाता है।
मुंडे का राजनीतिक सफर शुरुआत से ही चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कभी भी किसी विवाद से दूर नहीं रहने की कोशिश की और अक्सर मीडिया में उनके बयान सुर्खियों में रहे। लेकिन संतोष देशमुख हत्याकांड ने उनके करियर को नया मोड़ दिया।
इस्तीफा और आगे का रास्ता
इस हत्याकांड की जांच में धनंजय मुंडे का नाम जुड़ने के बाद उन्हें अपनी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस घटनाक्रम ने न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनके समर्थकों और पार्टी के भीतर भी उथल-पुथल मच गई।
हालांकि, अब तक इस मामले में अदालत या जांच एजेंसी द्वारा किसी भी ठोस सबूत का सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक दबाव और जनता की नाराजगी के कारण मुंडे को इस्तीफा देना पड़ा।
भविष्य का मार्ग
धनंजय मुंडे का राजनीतिक भविष्य अब अनिश्चित है। उन्हें अपनी छवि को फिर से सुधारने के लिए एक लंबी यात्रा करनी होगी। क्या वे अगले चुनाव में वापसी करेंगे या इस विवाद के बाद उनकी राजनीतिक यात्रा का अंत हो जाएगा, यह तो समय ही बताएगा। हालांकि, उनके समर्थक और पार्टी के सदस्य अभी भी उम्मीद कर रहे हैं कि वह इस विवाद को पार कर फिर से अपनी स्थिति मजबूत करेंगे।