कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित कोतवाली में एक अजीब घटना सामने आई है, जिसमें एक कुत्ता सोफे पर आराम से सोता हुआ पाया गया। यह मामला चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि इस घटना में बुजुर्ग वन दारोगा ने अपने अनुभव और संवेदनशीलता का परिचय देते हुए खड़े होकर अर्जी लिखी।
दरअसल, हल्द्वानी कोतवाली के अंदर एक कुत्ता सोफे पर सोते हुए पाया गया। यह दृश्य कुछ लोगों के लिए हैरान करने वाला था, क्योंकि पुलिस थाने में आमतौर पर कुत्ते का इस तरह से सोफे पर आराम से सोना असामान्य होता है। कुछ लोगों ने इस दृश्य को देखकर इसे लेकर असंतोष जताया, और यह चर्चा का विषय बन गया।
इस बीच, इस घटना के बाद बुजुर्ग वन दारोगा ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोतवाली में खड़े होकर एक अर्जी लिखी। उन्होंने इस अर्जी में थाने में जानवरों की देखभाल और उनके अधिकारों को लेकर चिंता जताई। उनका कहना था कि अगर कोई जानवर थाने में आकर आराम से बैठा है तो उसे कड़ी नजर से देखना और उसके साथ दयालु व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि यह उसके अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
बुजुर्ग वन दारोगा ने अर्जी में यह भी लिखा कि पुलिस या थाने की छावनी में इस तरह के दृश्य को देखकर यह प्रतीत होता है कि थाने में अनुशासन और प्राथमिकता की कमी है, और जानवरों को भी मानवीय और सभ्य तरीके से देखे जाने की जरूरत है। उनका यह कदम संवेदनशीलता और मानवता की ओर एक सकारात्मक कदम माना गया, क्योंकि उन्होंने जानवरों के प्रति सम्मान और देखभाल की बात उठाई।
यह घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई और लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। कई लोगों ने बुजुर्ग वन दारोगा के कदम की सराहना की, जबकि कुछ ने इसे थाने में अनुशासन की कमी के रूप में देखा। यह घटना न केवल हल्द्वानी के कोतवाली की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि जानवरों के अधिकार और उनके साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।