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हिमाचल में भारी बारिश का रेड-ऑरेंज अलर्ट, 6 नेशनल हाईवे और 1305 सड़कें ठप

हिमाचल प्रदेश
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: September 2, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर जारी है और लगातार भारी बारिश ने पूरे प्रदेश का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने आज कई जिलों में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में आज रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य आठ जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। बुधवार 3 सितंबर को भी पूरे प्रदेश में रेड अलर्ट रहेगा। बीती रात बिलासपुर जिले के नैना देवी में 198 मिलीमीटर सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। शिमला जिला के रोहड़ू में 80, जोत में 61, बाग्गी में 58, कुकुमसेरी में 55, नादौन में 53, ओलिंदा में 50, नंगल डैम व उना में 49-49, भुंतर व सराहन में 47-47, बंजार में 42 और बिलासपुर में 40 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण प्रदेश में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह तक छह नेशनल हाईवे और 1305 सड़कें अवरुद्ध पड़ी हैं। इनमें मंडी जिले में 289, शिमला में 241, चंबा में 239, सिरमौर में 127 और सोलन में 50 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में दो नेशनल हाईवे और बिलासपुर, मंडी, किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति में एक-एक नेशनल हाईवे यातायात के लिए ठप पड़ा है। उधर, भूस्खलन के कारण रेलवे ने कालका-शिमला रेलमार्ग पर आगामी 5 सितंबर के लिए ट्रेनों की आवाजाही रद्द कर दी है। भारी बारिश से बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। पूरे प्रदेश में 3263 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। शिमला जिले में 725, सिरमौर में 691, मंडी में 442, सोलन में 382, चंबा में 207 और हमीरपुर में 129 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं। पेयजल योजनाओं की स्थिति भी गंभीर है। प्रदेश में कुल 858 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें कांगड़ा की 212 और चंबा की 100 योजनाएं शामिल हैं।

 सिरमौर जिले में बारिश का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। पांवटा साहिब क्षेत्र में गिरी नदी उफान पर है और बांगरण गांव के कई घर खतरे की जद में आ गए हैं। लोग देर रात से ही घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यहां हनुमान मंदिर परिसर तक पानी घुस चुका है और आसपास का क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गया है। मनाली और आसपास की घाटी में लगातार बारिश का दौर जारी है। ओल्ड मनाली में बहने वाला मनालसू नाला फिर से उफान पर आ गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। वहीं मनाली की ऊंची चोटियों पर ताजा हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है। इससे घाटी का तापमान गिरा है और मौसम सर्द हो गया है। लगातार खराब मौसम को देखते हुए किन्नौर जिला के निचार उपमंडल सहित प्रदेश के 11 जिलों में आज सभी शिक्षण संस्थान बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने लगातार हो रही तबाही को देखते हुए हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है। मॉनसून सीजन में अब तक 327 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 385 लोग घायल हुए हैं। पूरे राज्य में 4196 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 863 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 471 दुकानें और 3813 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 3158 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।

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