कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति की घोषणा की। इस नीति का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, पर्यावरणीय असर को कम करना, और पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता को घटाना है। नई नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
नई नीति के मुख्य बिंदु
1. इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी और कर में छूट
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देने की घोषणा की है। इस नीति के तहत, इलेक्ट्रिक कारों, दोपहिया वाहनों और तिपहिया वाहनों पर सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी, ताकि आम आदमी इन वाहनों को आसानी से खरीद सके। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में भी राहत दी जाएगी, जिससे इनकी कीमतें और अधिक सस्ती हो सकेंगी।
2. चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
नई नीति के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या को दोगुना करने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए सरकार ने स्थानीय निकायों और पावर कंपनियों के साथ मिलकर आवश्यक उपाय किए हैं, ताकि चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार हर बड़े शहर, हाइवे और प्रमुख परिवहन केंद्रों पर किया जा सके।
3. नवीनतम बैटरी प्रौद्योगिकी और रिसाइक्लिंग
सरकार ने बैटरी प्रौद्योगिकी पर भी जोर दिया है, क्योंकि बैटरियों की उच्च क्षमता और उनकी लंबी उम्र इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। नई नीति के तहत बैटरी रिसाइक्लिंग और पुनः उपयोग की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इससे बैटरियों की लागत में कमी आने की उम्मीद है और पर्यावरणीय प्रभाव भी घटेगा।
4. निर्माण और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता
सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी नई नीति तैयार की है। इसके तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके कल-पुर्जों का निर्माण भारत में ही करने पर जोर दिया जाएगा। सरकार ने कंपनियों को प्रोत्साहित किया है कि वे अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएं और चीन या अन्य देशों पर निर्भरता कम करें। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
5. नौकरी सृजन और प्रशिक्षण
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विस्तार से नई नौकरियाँ सृजित होंगी। सरकार ने नई नीति में इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत, चार्जिंग स्टेशन संचालन, बैटरी निर्माण और अन्य संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, सरकार ने इन क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करने का ऐलान किया है।
पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव
भारत सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदूषण की समस्या में कमी आएगी। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन शून्य उत्सर्जन करते हैं, जिससे वायुमंडल में हानिकारक गैसों की मात्रा में कमी आएगी। सरकार का उद्देश्य है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार में हिस्सा 30% तक पहुंचे, जिससे भारत की कार्बन फुटप्रिंट में काफी कमी हो सके।
सरकार की दी हुई प्रोत्साहन योजनाएँ
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाओं का ऐलान किया है। इसमें टैक्स छूट, सब्सिडी, सस्ती ऋण योजनाएँ और विशेष योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार ने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए भारतीय निर्माताओं को विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए भी एक सकारात्मक माहौल तैयार किया है।
उद्योग की प्रतिक्रिया
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने इस नीति का स्वागत किया है। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और अन्य प्रमुख कंपनियों ने इसे भारतीय बाजार के लिए एक गेम चेंजर बताया है। इन कंपनियों का कहना है कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और प्रोत्साहन योजनाओं से उनके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन और वितरण आसान हो जाएगा, और ग्राहकों के लिए भी ये वाहन सस्ती हो सकेंगे।
इसी तरह, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से उद्योग के लिए और भी अवसर खुलेंगे, और इस क्षेत्र में न केवल बड़ी कंपनियों बल्कि छोटे उद्यमियों को भी हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।
भविष्य की दिशा
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार अभी भी विकास के शुरुआती चरणों में है, लेकिन सरकार की नई नीति से इसे तेजी से बढ़ावा मिलेगा। नीति के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन योजनाएँ और चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार से यह क्षेत्र एक नई ऊँचाई तक पहुँचने की संभावना है। आने वाले वर्षों में, यदि यह नीति प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो भारत एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन बाजार बन सकता है, जो वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के लिए एक मॉडल बन सकता है। भारत सरकार द्वारा जारी की गई नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति देश में ईवी क्रांति को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेगी, बल्कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी। इसके तहत उद्योग, उपभोक्ता और सरकार के बीच सहयोग से भारत में एक स्थिर और मजबूत इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तैयार किया जा सकेगा।